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19 फरवरी की 10 बड़ी खबरें

1. J&K: इंडिया गठबंधन को एक और झटका, नेशनल कॉन्फ्रेंस के बाद अब पीडीपी भी हुई अलग

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में इंडिया गठबंधन (India alliance) को एक और झटका लगा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां – National Conference) के बाद अब पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) (People’s Democratic Party – PDP) ने भी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में अलग प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है। पार्टी की संसदीय समिति जल्द ही प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करेगी। इससे पहले नेकां चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी है। पीडीपी की लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर मध्य कश्मीर में हुई बैठक के बाद पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने कहा कि देश में आगामी लोकसभा चुनावों के लिए उनकी पार्टी पूरी तरह से तैयार हैं। जल्द ही प्रदेश में लोकसभा सीटों के उम्मीदवारों के नाम पर तय कर लिए जाएंगे। मोहम्मद सरताज मदनी के नेतृत्व वाला पार्टी संसदीय बोर्ड जल्द ही उम्मीदवारों को अंतिम रूप देगा। बैठक में पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अब्दुल रहमान वीरी, महासचिव डॉ. महबूब बेग व गुलाम नबी लोन हंजुरा, अतिरिक्त महासचिव आशिया नकाश, पूर्व मंत्री नईम अख्तर व जहूर अहमद मीर के साथ ही जिला अध्यक्ष, निर्वाचन क्षेत्र प्रभारी, क्षेत्रीय अध्यक्ष उपस्थित रहे।

2. ‘कोर्ट के फैसले का…’ ED के छठे समन पर भी पेश नहीं होंगे केजरीवाल, AAP ने बताई वजह

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) आज भी आज भी ED के सामने पेश नहीं होंगे. AAP प्रमुख को ईडी ने छठा समन भेजते हुए 19 फरवरी को पेशी के लिए बुलाया था. हालांकि आप का कहना है कि ईडी के ये समन गैरकानूनी हैं. आप ने बयान जारी कर कहा, ‘ईडी के समन की वैधता का मामला अब कोर्ट में लंबित है. इस मामले में ईडी खुद कोर्ट गई है. ऐसे में बार-बार समन भेजने की बजाय ईडी कोर्ट के फ़ैसले का इंतज़ार करे.’ बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आबकारी नीति से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में समन का पालन नहीं किए जाने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली में अदालत का दरवाजा खटखटाया है. जांच एजेंसी की शिकायत में आरोप लगाया गया कि सीएम केजरीवाल जानबूझकर समन का पालन नहीं करना चाहते थे और बहाने बनाते रहे. एजेंसी ने कहा, ‘अगर उनके जैसे उच्च पदस्थ सार्वजनिक पदाधिकारी ने कानून की अवज्ञा की, तो यह आम आदमी के लिए एक गलत उदाहरण स्थापित होगा.’

3. बिलावल भुट्टो का ऐलान, राष्ट्रपति चुनाव के लिए आसिफ अली जरदारी होंगे उनके उम्मीदवार

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी (Bilawal Bhutto-Zardari) ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी ने फैसला किया है कि राष्ट्रपति चुनाव (presidential election) के लिए आसिफ अली जरदारी (Asif Ali Zardari) उनके उम्मीदवार होंगे. अखबार डॉन ने बिलावल के हवाले से कहा, “देश में फैल रही असंतोष की आग पर काबू पाने के लिए हमने फैसला किया है कि राष्ट्रपति चुनाव में जरदारी हमारे उम्मीदवार होंगे.” भुट्टो ने थट्टा इलाके में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “वह केंद्र और प्रांतों को बचाएंगे.” उन्होंने कहा कि जब उनके पिता जरदारी पद संभालेंगे तो वह इस आग को बुझा देंगे. मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि बिलावल ने अपनी पार्टी को उन लोगों के साथ आगे बढ़ने का निर्देश दिया है, जिन्होंने उसके लिए वोट मांगे हैं और बदले में कोई मंत्रालय नहीं मांगेंगे.


4. UPA में सिमटकर रह जाएगा INDIA गठबंधन? कांग्रेस से कोई नाराज तो किसी ने तोड़ा नाता

पीएम मोदी ()PM Modi) को सत्ता की हैट्रिक लगाने से रोकने के लिए विपक्ष के 28 दलों ने मिलकर आठ महीने पहले पटना में ‘INDIA गठबंधन’ की बुनियाद रखी था, लेकिन चुनावी सरगर्मी बढ़ने के साथ ही विपक्षी कुनबा बिखरता जा रहा है. विपक्षी दलों के एक मंच पर लाने नीतीश कुमार पहले ही इंडिया गठबंधन से नाता तोड़कर अलग हो चुके हैं और उसके बाद से एक के बाद एक सहयोगी दल साथ छोड़ते जा रहे हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के बाद पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी अकेले दम पर 2024 का चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. इस तरह से विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन कहीं यूपीए तक सिमटकर न रह जाए. जेडीयू से लेकर आरएलडी तक इंडिया गठबंधन से अलग हो चुके हैं. अखिलेश यादव से लेकर ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल तक के साथ कांग्रेस का तालमेल नहीं बैठ पा रहा है. इस तरह सहयोगी दल चाहें कितना भी दावा करें कि हम गठबंधन के साथ हैं, लेकिन पार्टियों में चलता अंतर्द्वंद्व और असीम महत्वाकांक्षाओं की वजह से एक के बाद एक विकेट गिरता जा रहा है. इस तरह कांग्रेस के साथ विपक्ष के आए तमाम नए दल ही साथ छोड़ रहे हैं. ऐसे में जिस तरह से INDIA गठबंधन का स्वरूप दिख रहा है, उसमें कहीं आरजेडी, जेएमएम, डीएमके और लेफ्ट पार्टियां ही न बचें.

5. सर्वे में छिपी है NDA के लिए बैड न्यूज, इंडिया गठबंधन को बंपर सीटों का फायदा! आंकड़े चौंका रहे

लोकसभा चुनावों की तैयारियों (Preparations for Lok Sabha elections) के बीच पीएम मोदी समेत बीजेपी और उसके सहयोगी NDA के इस चुनाव में 400 प्लस सीटें लाने का दावा कर रहे हैं. इस बीच जो ताजा सर्वे सामने आया है, उसमें बीजेपी के लिए एक अच्छी खबर है और एक बुरी. अच्छी खबर ये है कि गठबंधन की सीटों का आंकड़ा हाल ही में सामने आए सर्वे में बंपर बहुमत का है. हालांकि सर्वे के आंकड़ों में एक बैड न्यूज भी छिपी हुई है. मूड ऑफ द नेशन के सर्वे में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जो तस्वीर निकलकर सामने आई है, उसमें एनडीए को मिलने वाली सीटों का आंकड़ा 335 है. वहीं इंडिया गठबंधन को इस सर्वे में 166 सीटें मिल रही हैं. अन्य के खाते में 42 सीटें जाने का अनुमान है. सर्वे के आंकड़ों में एनडीए के लिए बुरी खबर ये है कि इस वक्त जो सीटों का अनुमान जताया गया है, वह 2019 के लोकसभा चुनावों से 18 सीटें कम का है. यानी बीजेपी को 18 सीटों का नुकसान होता दिखाई दे रहा है.

6. चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में SC की टिप्पणी, रिटर्निंग ऑफिसर ने चुनावी प्रक्रिया में की छेड़छाड़

चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayor Election) को लेकर चल रहे विवाद में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। वहीं सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने चुनावी प्रक्रिया से छेड़छाड़ की। CJI ने रिटर्निंग ऑफिसर से कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है। आप जो कुछ भी कहते हैं, यदि कोई झूठ है तो आपके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आप कैमरे में क्यों देख रहे थे और मतपत्रों में निशान क्यों लगा रहे थे। रिटर्निंग ऑफिसर मसीह ने कहा कि सभी मतपत्र विकृत हो गए थे। मैं सिर्फ उन पर निशान लगा रहा था। वहां इतने सारे कैमरे थे कि मैं बस उन्हें ही देख रहा था। इस पर सीजेआई ने कहा कि यह स्पष्ट है कि आप मतपत्र पर एक्स का निशान लगा रहे हैं। सीजेआई ने कहा कि आप मतपत्रों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं, लेकिन उन मतपत्रों पर टिक या एक्स क्यों लगा रहे थे। नियम 11 कहता है कि आप हस्ताक्षर कर सकते हैं, लेकिन कौन सा नियम कहता है कि आप उन मतपत्रों पर टिक या एक्स लगा सकते हैं। आप उन मतपत्रों पर निशान क्यों लगा रहे थे। आपने इसे चिह्नित किया है। उस पर मुकदमा चलाना होगा। चुनावी लोकतंत्र में इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।


7. बंगाल में लोगों के आधार कार्ड किए जा रहे निष्क्रिय, ममता बनर्जी ने कहा- PM मोदी को लिखूंगी पत्र

लोकसभा चुनाव का समय अब करीब (Lok Sabha election time is near now) आते जा रहा है। समाजवादी पार्टी द्वारा लोकसभा उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जाने लगी है। इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने जा रही है। दरअसल पत्र लिखने के पीछे की वजह जुड़ी है आधार कार्ड से। पीटीआई से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ज्यादातर मतुआ समुदाय से जुड़े लोगों के आधार कार्ड को निष्क्रिय कर दिया गया है। लोकसभा चुनाव से पहले बंगाल के लोगों के आधार कार्ड निष्क्रिय किए जाने को लेकर मैं पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखूंगी। ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव से पहले राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक लोगों के आधार कार्ड निष्क्रिय किए जा रहे हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी-नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी लाने से पहले ही आधार कार्ड निष्क्रिय किये जा रहे हैं। बनर्जी ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा कि वह इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखेंगी। बनर्जी ने कहा, “लोकसभा से पहले इतने सारे आधार कार्ड क्यों निष्क्रिय कर दिए गए? ज्यादातर मतुआ समुदाय के लोगों के आधार कार्ड निष्क्रिय कर दिए गए हैं। अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों के आधार कार्ड भी निष्क्रिय किये जा रहे हैं।”

8;. ‘MSP गारंटी से कम कुछ भी मंजूर नहीं’, किसान मोर्चा ने खारिज किया सरकार का प्रस्ताव, चौथे दौर की वार्ता भी फेल

संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) ने केंद्र सरकार के एमएसपी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया (MSP proposal rejected) है. केंद्र सरकार की तरफ से कथित रूप से एमएसपी पर पांच साल के कॉन्ट्रेक्ट का प्रस्ताव दिया गया है. किसानों का कहना है कि मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर उन्हें पता चला है कि केंद्र सरकार A2+FL+50% के आधार पर एमएसपी पर अध्यादेश लाने की योजना बना रही है. किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि C2+50% से नीचे कुछ भी स्वीकार नहीं किया जाएगा. बयान के मुताबिक, किसानों के सामने मक्का, कपास, अरहर/तूर, मसूर और उड़द समेत पांच फसलों की खरीद को लेकर पांच साल के कॉन्ट्रेक्ट का प्रस्ताव रखा गया है. हालांकि, किसान मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि वे सी2+50% के फॉर्मूले के आधार पर ही एमएसपी की गारंटी चाहते हैं. किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा कि बीजेपी ने खुद 2014 के चुनाव में अपने घोषणापत्र में इसका वादा किया था. किसान मोर्चा ने कहा कि स्वानिथान आयोग ने 2006 में अपनी रिपोर्ट में केंद्र सरकार को C2+50% के आधार पर एमएसपी देने का सुझाव दिया था. बयान में कहा गया है कि इसी के आधार पर तमाम फसलों पर वह एमएसपी की गारंटी चाहते हैं. इसके जरिए किसान अपनी फसल एक फिक्स्ड कीमत पर बेच सकेंगे और उन्हें नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा. मोर्चा ने कहा कि अगर मोदी सरकार बीजेपी के वादे को लागू नहीं कर पा रही है तो प्रधानमंत्री ईमानदारी से जनता को बताएं.

आगामी लोकसभा चुनाव (upcoming lok sabha elections) के मद्देनजर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने उत्तर प्रदेश की 11 और सीटों पर उम्मीदवारों का एलान (Candidates announced for 11 seats in Uttar Pradesh) कर दिया है। सूची में एक नाम पर काफी चर्चा हो रही है। पार्टी ने मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी को गाजीपुर से उम्मीदवार घोषित किया है। इसके अलावा इस सूची के बाद अब साफ हो गया है कि सपा और रालोद के रास्ते भी जुदा हो गए हैं। जयंत चौधरी की पार्टी को दिए गए सीट मुज्जफनगर पर भी सपा ने उम्मीदवार का एलान कर दिया है।

10. UP में समाजवादी पार्टी ने दिया कांग्रेस को 17 सीटों का ऑफर, अखिलेश यादव ने चला आखिरी दांव!

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में 17 लोकसभा सीटों का ऑफर (Offer of 17 Lok Sabha seats in Uttar Pradesh) दिया है. यह सीटों की संख्या के तौर पर सपा की ओर से आखिरी ऑफर है. कांग्रेस की मुरादाबाद और बलिया (Moradabad and Ballia) जैसी सीट चाहती है, जिस पर अभी चर्चा जारी है. मुरादाबाद समाजवादी पार्टी की जीती हुई सीट है जबकि बलिया समाजवादी पार्टी की मजबूत सीटों में से एक है. मेयर के चुनाव में कांग्रेस पार्टी मुरादाबाद की सीट पर नंबर दो थी जबकि कुछ हजार वोटों से वह हार गई थी. वहीं बलिया की सीट समाजवादी पार्टी से कांग्रेस अपने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के लिए चाहती है. बता दें कि अगर आज देर रात तक कांग्रेस से सीटों पर सहमति नहीं बन पाती है तो मंगलवार को अखिलेश यादव का रायबरेली में भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होना मुश्किल होगा. अखिलेश यादव ने कह दिया है की सीट शेयरिंग फाइनल होने के बाद ही समाजवादी पार्टी भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होगी.

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