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यूरोप में 12 से 17 साल के बच्चों को लगेगा टीका, EMA ने मॉडर्ना वैक्सीन को दी मंजूरी

लंदन। बच्चों की कोरोना वैक्सीन को लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है। दुनियाभर में अभी तक केवल 18 साल से उपर की आयु वाले लोगों को ही कोविड-19 वैक्सीन लगवाने की सुविधा थी, लेकिन अब 18 से कम उम्र के बच्चे भी कोरोना का टीका लगवा सकेंगे। दरअसल, यूरोपीय संघ ने 12 से 17 आयु वर्ग के बच्चों के लिए मॉडर्ना कंपनी की कोविड वैक्सीन स्पाइकवैक्स को मंजूरी दे दी है।

3,732 बच्चों पर स्पाइकवैक्स का ट्रायल
यूरोपियन मेडिसिन्स वॉचडॉग ने शुक्रवार (23 जुलाई) को 12 से 17 साल की उम्र के बच्चों के लिए मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन को इजाजत दे दी। ये वैक्सीन बच्चों को दो डोज के रूप में दी जाएगी। दोनों डोज के बीच चार हफ्ते का अंतराल होगा। यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने कहा कि 12 से 17 आयु वर्ग के 3,732 बच्चों पर स्पाइकवैक्स का ट्रायल किया गया था, जो सफल रहा। उस दौरान पता चला कि सभी के शरीर में अच्छी मात्रा में एंटीबॉडी बनी। उतनी एंटीबॉडी 18 से 25 आयुवर्ग में भी देखी गई थी।


बता दें, मॉडर्ना की वैक्सीन को जनवरी, 2021 में यूरोपीय संघ के 27 देशों में 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में इस्तेमाल के लिए हरी झंडी दी गई थी। इसे ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका सहित देशों में भी लाइसेंस दिया गया है, लेकिन अभी तक इसका उपयोग बच्चों तक नहीं किया गया है। अभी तक फाइजर-बायोएनटेक द्वारा बनाई गई वैक्सीन ही यूरोप और उत्तरी अमेरिका में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए स्वीकृत एकमात्र वैक्सीन है।

भारत में बच्चों पर कोवैक्सीन टीके का ट्रायल
गौरतलब है कि भारतीय कंपनी भारत बायोटेक ने भी सरकार से बच्चों की वैक्सीन बनाने की इजाजत ली और उनके ऊपर अपनी वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, अगले सप्ताह दो से छह साल की आयु वर्ग के बच्चों पर कोवैक्सीन टीके के दूसरे चरण का ट्रायल शुरू होगा। इस आयु वर्ग में कुछ बच्चों को पहली डोज दी जा चुकी है, जिन्हें दूसरे चरण में दूसरी डोज दी जाएगी। इससे पहले कंपनी ने 6 से 12 आयु वर्ग के बच्चों को दोनों डोज दी थी, जिसके नतीजों का विश्लेषण किया जा रहा है।

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