भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

कड़े चुनावी मुकाबले में फंसे शिवराज के 14 मंत्री

  • उपचुनाव में दांव पर राजनीतिक भविष्य, सभी पर दलबदलू का टैग

भोपाल। प्रदेश में उपचुनाव सिर्फ भाजपा को सरकार में बने रहने या फिर कांग्रेस के सरकार में वापस आने का ही नहीं है। चुनाव में 12 मंत्री एवं दो पूर्व मंत्रियों का राजनीतिक भविष्य भी दांव पर लगा है। 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में भाजपा ने 25 सीटों पर कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व विधायकों को ही प्रत्याशी बनाया है। इनमें से 14 मंत्री बने थे। तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत छह महीने का कार्यकाल पूरा होने की वजह से मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं। ऐसे में उपचुनाव में दो पूर्व मंत्री समेत 14 मंत्री विधायक बनने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। सरकार में बने रहने के लिए भाजपा को सिर्फ 2 सीट की जरूरत है। क्योंकि निर्दलीय एवं अन्य दलों के विधायकों का भी विधानसभा में सरकार को समर्थन है। जबकि खुद के बलबूते पर बहुमत साबित करने के लिए भाजपा को 9 सीट चाहिए। ऐसे में मंत्रियों की हार जीत से सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जबकि उनका राजनीतिक भविष्य बर्बादी की कगार पर पहुंच जाएगा। उपचुनाव लड़ रहे सभी मंत्रियों पर दलबदलू का टैग लगा हुआ है। उपचुनाव में कांग्रेस ने इसे भी मुद़दा बनाया है। कांग्रेस को सरकार में वापसी के लिए सभी सीट जीतनी होंगी। उपचुनाव में दोनों प्रमुख दल कांगे्रस एवं भाजपा पूरी ताकत झोंक रहे हैं। दोनों दलों के नेता ताबड़तोड़ सभाएं कर रहे हैं। इसके बावजूद भी दोनों दलों के भीतर चुनाव परिणाम को लेकर डर बना हुआ है।

मंत्रियों के क्षेत्र में कड़ा मुकाबला
विधानसभा उपचुनाव में तुलसी सिलावट एवं गोविंद राजपूत समेत 14 मंत्री विधायक बनने के लिए उतरे हैं। मंत्रियों वाली सीटों पर कांग्रेस भाजपा प्रत्याशियों को टक्कर दे रहे हैं। कुछ सीटों पर बसपा भी टक्कर दे रही है। सुमावली सीट पर भाजपा प्रत्याशी ऐंदल सिंह कंषाना हैं। यहां मुकावला कड़ा है। भाजपा को भितरघात का खतरा ज्यादा है, लेकिन पलड़ा भारी है। दिमनी से गिर्राज दंडोतिया मैदान में है। चुनाव में पूरी तरह से जातिवाद हावी है। मेहगांव से मंत्री ओपीएस भदौरिया मैदान में है। यहां भी चुनाव जातियों में बंट चुका है। ग्वालियर से मंत्री प्रद्युम्र सिंह तोमर मैदान में है। चुनाव प्रचार को लेकर वे मतदताओं के बीच सुर्खियों में है। डबरा से मंत्री इरमती देवी प्रत्याशी हैं। इमरती इन दिनों जीत-हार से ज्यादा विवादित बयानों को लेकर चर्चा में हैं। पोहरी से मंत्री सुरेश धाकड़ भाजपा प्रत्याशी हैं। यहां भी चुनाव जातियों में बंट गया है। बमौरी से मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया चुनाव मैदान में है। दोनों नेताओं को भितरघात का खतरा है। मुंगावली से मंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव को कांगे्रस से कड़ी टक्करमिल रही है। यहां भी जातिगत समीकरण हावी हैं। सुरखी से पूर्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पूरी ताकत लगा रहे हैं। जीत हार का अंतर कम रहेगा। अनूपपुर से मंत्री बिसाहूलाल सिंह आखिरी बाद विधायक चुनने के लिए जनता से अपील कर रहे हैं। सांची से मंत्री प्रभूराम चौधरी मैदान में है, वे अभी तक भाजपा नेताओं को अपने साथ नहीं ला पाए हैं। बदनावर से मंत्री राजवर्धन सिंह चुनाव लड़ रहे हैं, यहां कांग्रेस के स्टार प्रचारक कम पहुंच रहे हैं। सांवेर से पूर्व मंत्री तुलसीराम सिलावट चुनाव लड़ रहे हैं। यह चुनाव सबसे ज्यादा चर्चित हो गया है। मंदसौर जिले की सुवासरा सीट से मंत्री हरदीप सिंह डंग भाजपा प्रत्याशी हैं, उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है। बदबदलू का मुद्दा चर्चा में है।

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