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बगदाद। इराक (Iraq) में 21 आतंकियों और हत्यारों को सोमवार को सामूहिक तौर पर (terrorists hanged) फांसी पर लटका दिया गया। इराक के आंतरिक मंत्रालय ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है। दक्षिणी इराक के शहर नासिरिया की जेल में इन लोगों को फांसी दी गई। इनमें इराक के उत्तरी शहर तल अफर में हुए दो आत्मघाती हमलों में संलिप्त लोग शामिल हैं। इन हमलों में दर्जनों लोग मारे गए थे। बयान में फांसी पर लटकाए गए लोगों की पहचान उजागर नहीं की गई है और न ही यह बताया गया है कि उन्हें किन अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था।
अमेरिका समर्थक सैन्य अभियान में 2014 से 2017 के दौरान इस्लामिक स्टेट को पराजित करने के बाद से इराक में सैकड़ों संदिग्ध जिहादियों पर मुकदमा चलाया गया है और कई बार सामूहिक तौर पर फांसी दी गई है। मानवाधिकार समूहों ने इराकी और अन्य क्षेत्रीय बलों पर न्यायिक प्रक्रिया में विसंगतियों और मुकदमों में खामियों का आरोप लगाया है, लेकिन इराक का कहना है कि उसके मुकदमें निष्पक्ष हैं। मालूम हो कि इस्लामिक स्टेट ने 2014 में एक तिहाई इराक पर कब्जा कर लिया था, लेकिन तीन वर्षों के दौरान उसे इराक और पड़ोसी देश सीरिया में काफी हद तक पराजित कर दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि सीरिया और इराक से पांव उखड़ने के बाद आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट यानी आइएस ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। बीते दिनों आई एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामिक स्टेट अब दक्षिण एशिया में पैर जमाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान में उसे पूरा संरक्षण भी मिल रहा है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 45 वें सत्र से इतर आयोजित वेबिनार में विशेषज्ञों ने अफगानिस्तान की स्थिति को चिंताजनक माना। विशेषज्ञों का कहना था कि अफगानिस्तान में तालिबान से अलग हुए कुछ कमांडर आइएस से जुड़कर लड़ाकों की भर्ती कर रहे हैं।
बीते दिनों संयुक्त राष्ट्र ने अपने अनुमान में कहा था कि सीरिया और इराक में 10 हजार से अधिक इस्लामिक स्टेट के लड़ाके सक्रिय है और इस साल के हमलों में काफी वृद्धि हुई है। युद्ध के मैदान में इस्लामिक स्टेट की हार के बावजूद इन आतंकी संगठन के छोटे-छोटे सेल स्वतंत्र रूप से इन दोनों देशों में सक्रिय है। यही नहीं इस्लामिक स्टेट चरमपंथी समूह का दायरा भी बढ़ रहा है। आइएस के आतंकी अब सीरिया और इराक के अलावा दूसरे देशों में भी खतरनाक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
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