इंदौर न्यूज़ (Indore News)

मई में इंदौर से निरस्त हुईं 220 उड़ानें, इनमें 166 इंडिगो की

– इंदौर से संचालित कुल उड़ानों की 10 % से ज्यादा उड़ाने निरस्त, रोजाना करीब 7 उड़ानें निरस्त
– यह दौर अब भी जारी, उड़ानों के निरस्त होने से लगातार परेशान हो रहे यात्री
इंदौर, विकाससिंह राठौर।
इंदौर (indore) का देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल (devi ahilyabai holkar international airport) जहां कोरोनाकाल (coronaka) के बाद एक बार फिर तरक्की की उड़ान भरने लगा है, वहीं यहां निरस्त होने वाली उड़ानों (flights) की संख्या भी नए रिकार्ड बना रही है। मई माह में इंदौर से कुल 220 उड़ानों को निरस्त किया गया। खास बात यह है कि इनमें 166 उड़ानें सिर्फ इंडिगो (indigo) एयर लाइंस की थीं। यह दौर अब भी जारी है और उड़ानों के निरस्त होने से यात्रियों (passengers) को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मई में निरस्त हुई 220 उड़ानों का खुलासा हाल ही में एयरपोर्ट अथोरिटी (airport authority) द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक 1 से 31 मई के बीच इंदौर (indore) से कुल 2114 उड़ानों का संचालन हुआ। इनमें कुल 228768 यात्रियों ने सफर किया, वहीं इस दौरान कुल 220 उड़ानें निरस्त हुईं। इनमें कुल 166 उड़ानें इंडिगो (indigo) एयर लाइंस की थी। शेष निरस्त 54 उड़ानों में एयर इंडिया, विस्तारा, स्टार एयर और फ्लायबिग की उड़ानें शामिल हैं।


मई में यात्री भी बढ़े, उड़ाने भी सर्वाधिक निरस्त
खास बात यह है कि एक ओर जहां मई में 220 उड़ानें निरस्त हुईं, वहीं मई माह में लॉकडाउन के बाद की सर्वाधिक उड़ानों का संचालन भी हुआ और इनमें सर्वाधिक यात्रियों ने भी सफर किया। यानी यात्री संख्या में तेजी से बढ़ोतरी के बाद भी एयर लाइंस द्वारा उड़ानों को निरस्त किया जाना चौंकाने वाला है। अगर इन उड़ानों को निरस्त किए जाने के बजाए संचालित किया जाता तो इंदौर (indore)  से उड़ानों और यात्रियों का आंकड़ा काफी ज्यादा होता।
ऐसा एक दिन नहीं जब फ्लाइट निरस्त नहीं हुई
एयरपोर्ट अथोरिटी द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक 1 से 31 मई के बीच हर दिन उड़ानें निरस्त हुई हैं। ऐसा एक भी दिन नहीं रहा, जब उड़ानें निरस्त ना हुई हों। कई बार रोजाना 10 से 12 उड़ानें तक निरस्त रही हैं। औसत हर दिन 7 उड़ानें निरस्त रही हैं। अक्सर ऐसे रूट्स की उड़ानें भी निरस्त रही हैं, जहां के लिए इंदौर (indore) से अन्य कोई वैकल्पिक उड़ान नहीं थी। इनमें दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद, चेन्नई, जयपुर, जबलपुर जैसे शहरों की उड़ानें प्रमुख रही हैं।


ज्यादातर उड़ानों के निरस्त होने का कारण ऑपरेशनल
मई में निरस्त हुई 220 उड़ानों में से 90 प्रतिशत से ज्यादा के निरस्त होने का कारण ऑपरेशनल बताया गया, यानि विमान प्रचालन से जुड़े कारण, लेकिन एयर लाइंस द्वारा हर उड़ान में बुकिंग की स्थिति पर नजर रखी जाती है। अगर किसी उड़ान में बुकिंग बहुत कम है, जिससे उड़ान की संचालन लागत निकलना भी मुश्किल है, तब घाटे से बचने के लिए कंपनी उड़ान को निरस्त कर देती है। इसके कारण इन उड़ानों में बुकिंग करवा चुके यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर मामलों में कंपनी यात्रियों को रिफंड या बाद की उड़ान में बुकिंग का विकल्प देती है। अगर यात्री को उसी समय जाना जरूरी हो तो उसे दूसरी फ्लाइट का टिकट लेना पड़ता है, जो आखिरी समय लिए जाने के कारण कहीं ज्यादा महंगा मिलता है, वहीं निरस्त टिकट की राशि रिफंड पाने में भी यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है।

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