आचंलिक भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

भ्रष्टाचार में बहे 29 करोड़… एफडीआर तकनीक से 1 माह पहले बनी प्रदेश की पहली सीहोर श्यामपुर मार्ग की सड़क 1 दिन की बारिश में ही टूटी

सीहोर। फुल डेप्थ रिक्लेमेशन एफडीआर तकनीक से 1 महीने पहले बनकर तैयार हुई सीहोर श्यामपुर मार्ग की नवनिर्मित सड़क पहली बारिश में ही धराशाई होती दिख रही है । शनिवार को हुई बारिश के बाद सड़क की हालत ऐसी हो गई जिसे देखकर कोई भी नहीं कह सकता कि यह सड़क हाल ही में बनी है।इस सड़क का निर्माण एमपीआरडीसी द्वारा किया गया था.
जानकारी के अनुसार शुक्रवार शनिवार की रात को सीहोर मैं लगभग 84 एमएम बारिश दर्ज हुई और इस बारिश ने सड़क निर्माण कार्य की पोल खोल कर रख दी है 1 दिन की बारिश में ही इस सड़क के हाल बेहाल हो गए हैं।



जब यह सड़क बन रही थी तब विभाग इस बात का प्रचार कर रहा था कि नई तकनीक से बनने वाली यह राज्य की पहली सड़क है। सामान्य तकनीक से 6 मीटर चौड़ी और एक किलोमीटर लंबी सड़क बनाने में करीब सवा करोड़ रुपए का खर्च आता है, जबकि एफडीआर पद्धति से सड़क के निर्माण में 40 से 50 फीसदी कम लागत आती है और यह सामान्य से दो गुना मजबूत भी होती है। लेकिन 1 दिन की बारिश में ही इसकी मजबूती जर्जर हालत में सामने आ गई है। सीहोर श्यामपुर के बीच 24.30 किमी लंबी और 6 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण एक माह पहले ही पूरा हुआ है। सड़क निर्माण में करीब 29 करोड़ रुपए की लागत बताई गई थी। बताया था की सामान्य सड़क से अधिक मजबूत होती है। सामान्य सड़क की उम्र 5 साल की होती है, जबकि इसकी उम्र 10 साल होगी। फुल डेप्थ रिक्लेमेशन एक रिसाइकिलिंग सिस्टम है। सड़क के खराब मटेरियल में केमिकल व आवश्यक सामग्री के साथ मिलाकर नया मटेरियल तैयार कर लिया जाता है। उसे सड़क पर बिछाकर डाला जाता है। सड़क को हवा के प्रेशर से धूल साफ कर लिया जाता है। उस पर फैब्रिक कपड़े को बिछाया जाता है, ताकि वह मॉइश्चराइजर्स को समाहित कर सके। सीहोर- श्यामपुर के बीच बनाई गई 24.30 किमी लंबी इस सड़क को बनाने में 29 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इसे फुल डेप्थ रिक्लेमेशन यानि एफडीआर तकनीक से बनाया गया है। यह सड़क इस तकनीक से बनने वाली प्रदेश की पहली सड़क है।

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