- 600 करोड़ की राशि फंसी
- असुरक्षित कर्ज के चलते बैंकों की वसूली भी मुश्किल, तहसीलदारों के माध्यम से करवा रहे हैं वसूली
- 24 घंटे सेवाएं देंगी डिजिटल बैंकिंग यूनिट
इन्दौर। ब्रिस्क योजना के तहत प्रशासन द्वारा बैंकों सहित वित्तीय संस्थाओं की बकाया राशि वसूल करवाता है और इसके बदले दो फीसदी कमीशन की राशि प्राप्त होती है, जो तहसीलदारों को भी प्रोत्साहन राशि के रूप में मिलती है। अभी लगभग 40 हजार ऐसे असुरक्षित कर्ज के खाते हैं, जिनमें लगभग 600 करोड़ रुपये की बैंकों की राशि फंसी है। नतीजतन प्रशासन ने इन सभी सभी डिफाल्टरों के खिलाफ आरआरसी जारी कर दी है। कई प्रकरणों में राशि वसूल भी की जा चुकी है। राशि न चुका सकने वाले डिफाल्टरों की अचल सम्पत्तियों की नीलामी भी लगातार करवाई जा रही है।
बैंकों के साथ-साथ मप्र वित्त निगम सहित अन्य वित्तीय संस्थाओं द्वारा छोटी राशि के लोन बिना किसी जमानत के दिए जाते हैं, जबकि बड़ी राशि के लोन के बदले कोई अचल सम्पत्ति मार्डगेज यानी बंधक रखी जाती है। प्रशासन ब्रिस्क योजना के तहत यह बकाया राशि की वसूली रेवेन्यू रिकवरी सर्टिफिकेट यानी आरआरसी जारी कर करता रहा है। कलेक्टर मनीष सिंह ने पिछलेे दिनों बैंकों की बकाया वसूली की धीमी गति पर नाराजगी जताई और सभी अधीनस्थ अधिकारियों, जिनमें अपर कलेक्टर से लेकर तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक शामिल हैं, उन्हें निर्धारित लक्ष्य के मुताबिक वसूली करवाने के निर्देश दिए।
अपर कलेक्टर राजेश राठौर का कहना है कि 50 हजार से कम और एक लाख या उससे अधिक की राशि वाले डिफाल्टरों की संख्या लगभग 40 हजार है। यह सभी असुरक्षित कर्ज के दायरे में आते हैं। नतीजतन सभी राजस्व अधिकारियों की कोर्ट से लगातार आरआरसी जारी कराई जा रही है और नियमित इन प्रकरणों की सुनवाई भी की जाती है। सूत्रों का कहना है कि लगभग 600 करोड़ की राशि बैंकों की फंसी हुई है। इसकी वसूली धीरे-धीरे करवाई जा रही है। इतना ही नहीं कई मामलो में तो प्रशासन को बैंकों की साठगांठ के भी सबूत मिले हैं, जिसमें बड़ी लोन राशि बिना दस्तावेजों की जांच किए ही दे डाली। कुछ जमीनों प्राधिकरण की योजनाओं में तो कई जमीनें गृह निर्माण संस्थाओं के सदस्यों की भी मिली है। पिछले दिनों ऐसे मामलों में कार्रवाई भी की गई।
24 घंटे सेवाएं देंगी डिजिटल बैंकिंग यूनिट
प्रधानमंत्री ने कल 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट राष्ट्र को समर्पित की। बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा इनमें से 8 यूनिट इंदौर में खोली गई हैं। यह यूनिट सातों दिन चौबीस घंटे ही सेवाएं देंगी, जिनमें नकदी, निकासी जमा, खाते खोलने अन्य सभी तरह की सुविधाएं मिलेंगी। यह सेवाएं डिजिटल, पेपरलेस और पूरी तरह से सुरक्षित तरीके से उपलब्ध कराई जाएगी।