कोलार। बेंगलुरू से करीब 60 किलोमीटर दूर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक गांव में दलित परिवार (Dalit family) के बच्चे ने एक जुलूस के दौरान भगवान से जुड़े एक खंभे को छू लिया जिसके बाद उसके परिवार पर गांव वालों ने 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह घटना कोलार जिले के मलूर तालुक (Malur Taluk of Kolar District) के उलरहल्ली (ularahalli) में हुई। वहीं दलित परिवार ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि वह अब केवल डॉ. भीमराव अंबेडकर की पूजा ही करेंगे।
पुलिस के मुताबिक गांव के बुजुर्गों ने परिवार के सदस्यों को मूर्ति को छूने के लिए “जुर्माना” के रूप में 60,000 रुपये का भुगतान करने की धमकी दी। पुलिस अधिकारी ने कहा कि मंदिरों में प्रवेश पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन उलेराहल्ली में अनुसूचित जाति समुदाय के लोग अभिशाप के डर से मंदिर में प्रवेश करने से बचते हैं।
उन्होंने कहा कि लड़के की मां एक दिहाड़ी मजदूर है और उसके पास इतनी बड़ी रकम देने का कोई तरीका नहीं है।हालाँकि, ग्राम पंचायत के सदस्यों से माँ की गुहार के बावजूद, बाद वाले ने जोर देकर कहा कि परिवार मूर्ति को “सफाई और शुद्ध करने” के बहाने 60,000 रुपये का भुगतान करता है।
बुधवार 21 सितंबर को कोलार पुलिस ने नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत ग्राम पंचायत सदस्यों और गांव के बुजुर्गों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया।
Share: