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सिंगल डोज में 66 फीसदी प्रभावी हमारा टीका- Johnson and Johnson

वाशिंगटन। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अमेरिकी वासियों को एक और वैक्सीन जल्द ही मिल सकती है। अमेेरिकी दवा निर्माता कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की तरफ से तैयार की गई कोरोना वैक्सीन की सिंगल खुराक वैश्विक ट्रायल के दौरान हल्के और गंभीर बीमारियों को रोकने के लिए 66 फीसदी तक प्रभावी पाई गई है।

जॉनसन एंड जॉनसन का बहुप्रतीक्षित वैक्सीन एक खुराक में ही कोरोना संक्रमण से रक्षा करता है। हालांकि ये दो खुराक वाले वैक्सीन जितना मजबूत नहीं है लेकिन दुनिया को वैक्सीन की जितनी जरूरत है, उसमें सहायक है। शुक्रवार को इसके कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए किए गए ट्रायल के नतीजे पेश किए गए।

शुक्रवार को कंपनी ने कहा कि अमेरिका और अन्य सात देशों कोरोना वैक्सीन की एक खुराक मध्यम से गंभीर बीमारी की स्थिति में 66 फीसदी प्रभावी रही है। कंपनी के बयान के मुताबिक, अलग-अलग क्षेत्रों में इसका प्रभाव अलग रहा। अमेरिका में वैक्सीन ने बहुत बेहतरीन काम किया, यहां यह वायरस के ऊपर 72 फीसदी तक प्रभावी है।

इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में यह वैक्सीन 57 फीसदी तक प्रभावी रही। जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के वैश्विक शोध प्रमुख डॉक्टर मिथाई मैमन ने कहा कि एक खुराक का जुआ खेलना वास्तव में लाभदायक रहा। पूरी दुनिया में वैक्सीनेशन के मार्ग में आई बाधाओं को देखते हुए विशेषज्ञ एक खुराक पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। 

कंपनी ने कहा कि अमेरिकी में इमरजेंसी प्रयोग के लिए यह एक हफ्ते के अंदर आवेदन देगी और फिर विदेशों में आवेदन किया जाएगा। इसके अलावा कंपनी को उम्मीद है कि अमेरिका में मंजूरी मिलते ही इसकी खेप बाहर भी भेजना शुरू कर दी जाएगी। ये प्रारंभिक निष्कर्ष है, जिसे 44,000 वॉलिंटियर पर किए गए रिसर्च से निकाला गया है और अभी यह अध्ययन पूरा नहीं हुआ है। जानकारों का कहना है कि दो खुराक के 95 फीसदी प्रभावी होने को देखते हुए यह सवाल है कि क्या कम सुरक्षा वाले खुराक स्वीकार किए जाएंगे।

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