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देश में 10 में 7 युवा अपनी सैलरी से खुश नहीं, जानिए उन्हें कंपनी से क्या चाहिए!

नई दिल्ली (New Delhi)। भारत (India) में युवाओं (youth) को कंपनी (company) से क्या चाहिये? आप कितना कमाते (how much earn) हैं, क्या आप इससे खुश हैं? दिल्ली के मयूर विहार (Mayur Vihar) में रह रहीं 27 साल की प्रिया कुमारी ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उनकी कंपनी जितना काम करवाती है, उस हिसाब उतनी तनख्वाह नहीं मिलती। ऐसा ही मानना 35 साल के विजय झा का भी है. विजय का कहना है कि वह एक कंपनी में पिछले 4 सालों से काम कर रहे हैं. वहां हर साल उन्हें 5 से 6 प्रतिशत का इंक्रीमेंट दिया जाता है. ये इंक्रीमेंट इतना कम है कि पिछले 4 साल में उनकी सैलरी सिर्फ 12 हजार रुपये ही बढ़ी है।


प्रिया और विजय की तरह ही देश के लाखों युवा ऐसे हैं जो अपनी वर्तमान सैलरी से खुश नहीं (Not happy with current salary) हैं. हाल ही में एचआर वर्ल्ड की एक रिपोर्ट सामने आई है. इसमें बताया गया है कि भारत में हर 10 में 7 व्यक्ति अपनी वर्तमान सैलरी से खुश नहीं है. वहीं 10 में से पांच कर्मचारियों का मानना है कि सैलरी उनके लिए अहम हिस्सा है।

इतना ही नहीं स्टाफिंग फर्म एडेको नाम की एक और रिपोर्ट इसी साल आई है, जिसके अनुसार भारत के 21 प्रतिशत और मलेशिया के 9 प्रतिशत कर्मचारी अपनी सैलरी में 20% की बढ़ोतरी चाहते हैं। वहीं ‘एडेको इंडिया सैलरी गाइड 2024’ (‘ADECO India Salary Guide 2024’) की एक रिपोर्ट के अनुसार जॉब बदलते वक्त भारत के 91 प्रतिशत कर्मचारी और मलेशिया के 72 प्रतिशत कर्मचारी कम से कम 20% से ज्यादा वेतन बढ़ाने की उम्मीद रखते हैं।

द फ्यूचर ऑफ पे इन इंडिया 2022 ने एक सर्वे जारी किया जिसमें कई कंपनियों से पूछा गया कि क्या वो अपने कर्मचारियों के पे स्केल में सुधार करने की सोच रहे हैं। सर्वे में शामिल 90 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि वो आने वाले 12 महीनों में अपने पे स्केल में सुधार करने की सोच रहे हैं. जबकि 88% कंपनी का कहना है कि वह अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन देने पर काम करेंगे।

भारत में वेतन बढ़ोतरी एशिया में सबसे ज्यादा
आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में वेतन बढ़ोतरी एशिया पैसिफिक के अन्य देशों की तुलना में सबसे ज्यादा है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल 024 में वियतनाम में काम कर रहे कर्मचारियों को 8% का हाइक मिल सकता है. चीन में 6%, फिलीपींस में 5.7% और थाईलैंड में 5% हाइक मिलने का अनुमान है।

हालांकि भारत की कंपनियां इस साल परफॉर्मेंस बेस अप्रेजल में 10 प्रतिशत से ज्यादा की हाइक दे सकती हैं. पिछले साल 2023 में परफॉरमेंस बेस अप्रेजल को लेकर भारत में 50 प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारियों को 5 से 10 फीसदी के बीच का हाइक मिला था, वहीं 15 प्रतिशत लोगों को सैलरी में 20 प्रतिशत से ज्यादा का हाइक मिला है।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के शहरी इलाकों में काम करने वाले वेतनभोगी व्यक्ति की मासिक औसत आय वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में 20,030 रुपये थी. जिसे वित्त 2023 की पहली तिमाही में बढ़ाकर 21,647 रुपये कर दिया गया।

वहीं आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत के शहरी इलाकों में दिहाड़ी मजदूर का काम कर रहे एक व्यक्ति को वित्तीय वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही तक 385 रुपये प्रति दिन की मजदूरी दी जाती थी. हालांकि उनकी मजदूरी भी वित्तीय वर्ष 2023 की पहली तिमाही में बढ़ाकर 464 रुपये प्रति दिन कर दी गई।

भारत के ग्रामीण इलाकों में सैलरी पा रहे कर्मचारियों की औसत आय वित्तीय वर्ष 2023 की पहली तिमाही में समाप्त होने वाली 18 महीने की अवधि पर 14,700 रुपये प्रति माह रही। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में दिहाड़ी मजदूरों की दैनिक मजदूरी वित्तीय वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही में 302 रुपये प्रति दिन से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023 की पहली तिमाही में 368 रुपये प्रति दिन हो गई है।

कहां मिलती है सबसे ज्यादा सैलरी
बहुत से लोगों को लगता है कि महानगर या बड़े शहरों में काम करने वाले कर्मचारियों को ज्यादा वेतन मिलता है. लेकिन, सर्वे के आंकड़े के अनुसार एवरेज सैलरी के मामले में महाराष्‍ट्र के सोलापुर ने मुंबई, दिल्‍ली और बेंगलुरु जैसे महानगरों को भी पीछे छोड़ दिया है।

सोलापुर भारत का सालाना औसतन सबसे ज्‍यादा सैलरी देने वाला शहर बन गया है. सर्वे के आंकड़े दुनिया के 138 देशों के हजारों लोगों के डेटा पर आधारित हैं. भारत की बात की जाए तो इस सर्वे में 11570 कर्मचारियों को शामिल किया गया था.

इसी सर्वे में यह बात भी सामने आई कि भारत में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को कम वेतन दिया जाता है. सैलरी सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार सोलापुर में सालाना एवरेज सैलरी 28 लाख 10 हजार रुपये प्रति वर्ष से ज्यादा है.

दूसरे स्थान पर मुंबई का नाम आता है. यहां सालाना एवरेज सैलरी 21.17 लाख रुपये है. तीसरे स्थान पर बेंगलुरु का नाम है. यहां पर सालाना एवरेज वेतन 21.01 लाख रुपये है. इसके बाद नई दिल्‍ली 20.43 लाख रुपये सालाना औसत वेतन के साथ चौथे स्थान पर है।

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