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महीनेभर में बैंकों में जमा हुए 2000 रुपए के 72 फीसदी नोट, RBI ने जारी की रिपोर्ट

नई दिल्‍ली (New Delhi) । देश में 2000 रुपए के नोटों को बदलने (note exchange) और जमा करने (deposit) का सिलसिला तेजी से चल रहा है. महीनेभर में 72 फीसदी नोट बैंकों (banks) में जमा या बदले जा चुके हैं. महीने भर पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2,000 रुपये के नोटों को प्रचलन से वापस लेने की घोषणा की थी. शनिवार को RBI ने बताया कि 72 प्रतिशत नोट (लगभग 2.62 लाख करोड़ रुपये) बैंकों में जमा या बदले गए हैं.

भारतीय रिजर्व बैंक ने 19 मई को 2,000 रुपये के नोटों को प्रचलन से वापस लेने के अपने फैसले की घोषणा की थी. हालांकि, RBI ने नागरिकों से 30 सितंबर तक बैंकों में इन्हें बदलने के लिए समय दिया है. RBI ने बैंकों में परिचालन सुविधा सुनिश्चित करने और शाखाओं में व्यवधान से बचने के लिए यह भी कहा है कि 23 मई 2023 से किसी भी बैंक में एक समय में 2000 रुपये के नोट को अन्य मूल्यवर्ग के नोटों से बदले जा सकते हैं. नोट बदलने की सीमा 20,000 रुपये है. यानी एक बार में 20000 रुपये के नोट बदले जाएंगे.


एक बार बदल सकते हैं 20 हजार तक के नोट
कोई भी एक बार में 20,000 रुपये तक के 2,000 रुपये के नोटों को बदल सकेगा. इन्हें जमा करने या बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है. आरबीआई ने पिछले महीने एक सर्कुलर जारी किया था. इसमें कहा था, भारतीय रिजर्व बैंक की स्वच्छ नोट नीति के अनुसरण में 2,000 रुपये मूल्य वर्ग के नोटों को प्रचलन से वापस लेने का निर्णय लिया गया है. 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे.

आरबीआई ने एक अधिसूचना में कहा कि 2000 रुपये के करीब 89 प्रतिशत नोट मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे. सभी बैंक 30 सितंबर, 2023 तक 2,000 रुपये के बैंक नोटों के लिए जमा और/या विनिमय सुविधा प्रदान करेंगे.

नोटबंदी के बाद 2016 में जारी किए गए थे नए नोट
बता दें कि रिजर्व बैंक ने साल 2016 में नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को जारी किया था. पिछले कुछ महीने से मार्केट में 2000 रुपये के नोट कम नजर आ रहे थे. लोगों का कहना था कि एटीएम से भी 2000 रुपये नोट नहीं निकल रहे हैं. इस संबंध में सरकार ने संसद में भी जानकारी दी थी. देश में 2000 के नोट सबसे ज्यादा चलन में वर्ष 2017-18 के दौरान रहे. इस दौरान बाजार में 2000 के 33,630 लाख नोट चलन में थे. इनका कुल मूल्य 6.72 लाख करोड़ रुपए था.

लंबे से समय से नहीं हुई छपाई
रिजर्व बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में 2000 रुपये के नोट को लेकर बड़ी जानकारी दी थी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20, वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2021-22 में 2000 रुपये के एक भी नोट नहीं छापे गए हैं. इस वजह से बाजार में 2000 रुपये के नोटों का सर्कुलेशन कम हुआ है.

नोटबंदी के बाद जारी हुआ था 2000 रुपये का नोट
8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद 500 और 1000 रुपये के सभी नोट चलन से बाहर हो गए थे. इन करेंसी की जगह रिजर्व बैंक ने 500 और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए गए थे. रिजर्व बैंक का मानना था कि 2000 रुपये का नोट उन नोट की वैल्यू की भरपाई आसानी से कर देगा, जिन्हें चलन से बाहर कर दिया गया था.

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