नई दिल्ली। पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग (Pakistan’s Higher Education Commission) ने ‘इंस्टीट्यूट फॉर एजुकेशनल डेवलपमेंट पाकिस्तान’ (Institute for Educational Development Pakistan) को एक खास स्टडी के लिए फंडिंग दी थी. इससे पाकिस्तान की खस्ताहाल शिक्षा व्यवस्था (Education System) की पोल खुल गई है. इस एजुकेशन सर्वे (Education Survey) में पाकिस्तान के 153 सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा पांच, छह और आठ के 15 हजार से ज्यादा छात्रों (Pakistan Schools students) की असलियत सामने आ गई है.
आगा खान यूनिवर्सिटी (Aga Khan University) के ‘इंस्टीट्यूट फॉर एजुकेशनल डेवलपमेंट पाकिस्तान’ (आईईडी) ने यह स्टडी की थी. इससे इतना तो साफ हो गया है कि पाकिस्तान में छात्रों की अंग्रेजी का तो बुरा हाल है ही, अब गणित और विज्ञान में भी वे फिसड्डी पाए गए हैं. सर्वे का नतीजा जानकर आप भी चौंक जाएंगे.
पाकिस्तान (Pakistan) में प्राइमरी और लोअर-सेकेंडरी स्कूलों के 90 प्रतिशत से ज्यादा छात्र पढ़ाई में बहुत कमजोर हैं. उनमें गणित और विज्ञान जैसे मुख्य विषयों की बुनियादी समझ की कमी है. आईईडी (IED) द्वारा की गई इस स्टडी में पाया गया कि 50 छात्रों में से सिर्फ एक के पास शब्दों में लिखी गई संख्याओं को संख्यात्मक रूपों में बदलने की बुनियादी क्षमता थी.
स्टडी के अनुसार, छात्रों को गणित में औसत अंक 100 में से 27 मिले थे, जबकि विज्ञान में औसत अंक 100 में से 34 रहे. सिर्फ एक प्रतिशत छात्रों ने किसी भी विषय में 80 से अधिक अंक प्राप्त किए, जिसे शोधकर्ताओं ने उत्कृष्ट समझ कहा है. स्टडी में कहा गया है कि निजी स्कूलों में औसत स्कोर सरकारी स्कूलों की तुलना में ज्यादा था, लेकिन किसी भी विषय में 40 से अधिक नहीं था. पंजाब में औसत अंक देश के सभी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा था. इस स्टडी में कुल 78 सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और 75 निजी स्कूलों ने भाग लिया था. Share: