वाशिंगटन। रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच बढ़ते तनाव व जंग (stress and corrosion) के हालात के मद्देनजर अमेरिकी विदेश विभाग(US State Department) ने दोनों देशों स्थित अमेरिकी दूतावास (US Embassy) से पात्र परिवारों को इन देशों को छोड़ने का आदेश दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि “रूसी सैन्य कार्रवाई (Russian military action) के निरंतर खतरे के कारण यूक्रेन और रूस के अमेरिकी दूतावास से पात्र परिवारों को वापस बुलाने का आदेश दिया गया है। सुरक्षा की स्थिति, विशेष रूप से रूस के कब्जे वाले क्रीमिया और रूस-नियंत्रित पूर्वी यूक्रेन में, अप्रत्याशित है और बिगड़ सकती है।”
यूक्रेन स्थित अमेरिकी दूतावास ने अपनी ट्रेवल एडवायजरी में कहा है कि रूस की सैन्य कार्रवाई व कोविड-19 के बढ़ते खतरे को देखते हुए अमेरिकी नागरिक यूक्रेन की यात्रा न करें। अपराध और आंतरिक अशांति की आशंका के मद्देनजर अधिकतम सतर्कता बरतें। क्रीमिया, डोनेटस्क और लुहान्स्क के कुछ इलाकों में ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत है।
अमेरिका को यूक्रेन पर हमले की आशंका
अमेरिका को आशंका है कि रूस जल्द ही यूक्रेन पर हमला कर सकता है। बीते दिनों राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि उन्हें लगता है कि उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन में दखलंदाजी करेंगे, लेकिन उन्हें जंग से बचना चाहिए। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी आशंका जताई है कि रूस जल्द ही’ यूक्रेन पर हमला कर सकता है।
ब्रिटेन ने रूस को चेताया
इस बीच, ब्रिटेन की विदेश सचिव लिज ट्रस ने लॉरी इंस्टीट्यूट थिंक टैंक में दिए भाषण में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अपील की कि, रूस यूक्रेन के साथ लगती सीमा से किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई से बचे। रूस और चीन लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ काम कर रहे हैं। ऐसा शीत युद्ध के समय के बाद से कभी नहीं देखा गया। उन्होंने कहा कि रूस ने इतिहास के सबक नहीं सीखे हैं। वे सोवियत संघ के पुनर्निर्माण या नस्ल और भाषा के आधार पर एक तरह के ‘वृहत्तर रूस’ के निर्माण का सपना देखते हैं। हालांकि, रूस ने यूक्रेन पर किसी भी प्रकार के हमले की योजना से इनकार किया है, लेकिन उसने इस पड़ोसी देश की सीमा के निकट एक लाख से अधिक सैनिक तैनात कर दिए हैं। इसे लेकर जंग की आशंका बढ़ रही है।