भोपाल। दमोह (Damoh) में विधानसभा (Vidhan Sabha) उपचुनाव की वोटिंग (Voting) होते ही कोरोना कर्फ्यू (Corona curfew) लगा दिया है। नेताओं की रैलियों और रोड शो (Road Show) में कोरोना (Corona) नहीं दिखा। अब जनता को संक्रमण (Infection) से बचाने के लिए कर्फ्यू (Curfew) लगा दिया गया है। कलेक्टर तरुण राठी (Tarun Rathi) ने रविवार को आदेश जारी करते हुए दमोह (Damoh) में 19 अप्रैल की रात 10 बजे से 26 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक कोरोना कर्फ्यू (Corona curfew) लगाने के आदेश दिए हैं। कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा है कि 18 अप्रैल को सीएमएचओ (CMHO) के प्रतिवेदन पर कोरोना कर्फ्यू (Corona curfew) लागू किया जा रहा है। कोरोना कर्फ्यू (Corona curfew) के दौरान सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगाया गया है। कर्फ्यू (Curfew) के दौरान कोई भी कार्यक्रम करने से पहले अनुमति लेना होगी। अब सवाल उठ रहा है कि क्या सीएमएचओ (CMHO) को इसके पहले संक्रमण (Infection) जिले में नहीं दिखा। दमोह (Damoh) में चुनावी माहौल के बीच कोरोना संक्रमण (Corona infection) फैलना शुरू हुआ। स्थिति यह हुई कि वर्तमान में रोजाना 100 के आसपास मरीज सामने आ रहे हैं। बावजूद इसके प्रशासन ने चुनाव को महत्व देते हुए दमोह (Damoh) की जनता की जान खतरे में डाली और कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाए। लेकिन मतदान होने के बाद दमोह (Damoh) में कोरोना कर्फ्यू (Corona curfew) लगाया गया है। इससे स्पष्ट है कि दमोह (Damoh) में सरकार हो या फिर प्रशासन सभी को चुनाव जरूरी था न कि संक्रमण (Infection) की रोकथाम करना।
Share:Next Post
Oppo A54 स्मार्टफोन ट्रिपल रियर कैमरें के साथ भारत में लांच, इतनी है कीमत
Related Articles
अनीता नामदेव ने दिया प्रधानमंत्री को निमंत्रण, गुलाबसिंह से पीएम ने पूछा मजा म छे
भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आवास योजना के 1.75 लाख हितग्राहियों का गृहप्रवेश प्रदेश के उन लोगों के लिये यादगार पल बन गया, जिन्हें इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत करने का सौभाग्य मिला। इनमें से एक भितरवार की अनिता नामदेव हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री को उनके घर आने का निमंत्रण दिया है। वहीं, दूसरे अमझेरा […]
मप्र की जेलों में सबसे ज्यादा आदिवासी कैदी
भोपाल। मध्य प्रदेश की जेलों में बड़ी संख्या में आदिवासी, एससी-एसटी और मुस्लिम समुदाय के कैदी बंद हैं, जिनमें सबसे ज्यादा आदिवासी कैदियों की संख्या हैं। आलम ये है कि, विचाराधीन और सजा काट रहे कैदियों में आदिवासी समुदाय के 10 हजार से भी ज्यादा कैदी शामिल हैं। उसके बाद एससी और मुस्लिम समुदाय की […]
15-20 नहीं 5 फीसदी वृद्धि पर होगा शराब ठेकों का नवीनीकरण
मप्र में नए शराब ठेकों के लिए इस बार नहीं होंगे टेंडर भोपाल। कोरोना संक्रमण (Corona infection) को देखते हुए सरकार (Government) इस बार ऐसी आबकारी नीति (Excise Policy) बना रही है जिससे आमदनी अधिक हो और ठेकेदारों पर बोझ भी नहीं पड़े। इसके तहत प्रदेश में नए शराब ठेकों के लिए इस बार टेंडर […]