
भोपाल। भोपाल के हमीदिया अस्पताल परिसर में कमला नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल में लगी आग से मरने वाले नवजात शिशुओं की मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है। इस समय सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चार बच्चों की मौत हुई है। एक दर्जन से अधिक नवजात झुलस गए हैं। इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस हादसे की जांच का जिम्मा अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान को सौंपा है। मोहम्मद सुलेमान मंगलवार सुबह अस्पताल पहुंचे। डीन भी उनके साथ थे। मंत्री विश्वास सारंग और डीआईजी इरशाद वली भी हॉस्पिटल पहुंच गए थे।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी हादसे की जानकारी लेने अस्पताल पहुंच सकते हैं। परिजनों का दावा है कि रात ढाई बजे से मंगलवार सुबह तक अस्पताल प्रबंधन ने कई लोगों को बच्चों की मौत की खबर दी है। ऐसे में आंकड़ा बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
40 बच्चे भर्ती थे एसएनसीयू में
भोपाल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया के कैम्पस में कमला नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल है। इसमें ही सोमवार रात करीब 9 बजे आग लगी थी। अस्पताल की तीसरी मंजिल पर बच्चा वार्ड के एसएनसीयू में 40 बच्चे भर्ती थे, जहां आग का सबसे अधिक नुकसान हुआ है। सूत्रों का कहना है कि हादसा शॉर्ट सर्किट की वजह से और पीडियाट्रिक वेंटिलेटर ने आग पकड़ ली।
मुख्यमंत्री ने निरस्त किया दोपहर भोज
कमला नेहरू अस्पताल में हादसे के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास पर आयोजित दोपहर भोज को निरस्त कर दिया है।
सियासत भी गरमाई, कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस ने हमीदिया हादसे के समय मुख्यमंत्री आवास पर डिनर को लेकर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि घटना 9 बजे के आसपास हुई। तब मुख्यमंत्री निवास पर मंत्री एक-दूसरे को जीत की बधाई दे रहे थे।
मोदी के भोपाल आगमन की तैयारियों पर चर्चा कर रहे थे। काश इन मंत्रियों का भी दुख पसीज जाता और डिनर छोड़कर सभी घटनास्थल गए होते। सीधी बस हादसे के दिन भी मंत्री घटनास्थल पर जाने के बजाय भोज कर रहे थे। वहीं, केके मिश्रा ने चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की मांग की है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved