भोपाल। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) ममध्य प्रदेश में एक करोड़ से ज्यादा श्रमिकों के आजीविका का साधन बनी है। सूबे ने देश के उन शीर्षस्थ पांच राज्यों में जगह बनाई है, जहां 30 करोड़ से ज्यादा मानव दिवस सृजित किए गए हैं। 2021-22 के लिए योजना की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
2020-2021 की तुलना करें तो कुल मानव दिवस, श्रमिक नियोजन और लाभार्थी परिवारों की संख्या में कमी दर्ज हुई है। इस कमी पर जानकारों का कहना है कि, इस दौरान कोरोना के कहर और लॉकडाउन के चलते अन्य जगहों से श्रमिकों का पलायन हुआ था। इससे श्रमिक नियोजन अचानक से बढ़ गया था। सबसे कम मजदूरी यहां बता दें मनरेगा को श्रमिकों को सबसे कम मजदूरी देने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शुमार हैं। दोनों ही राज्यों में मनरेगा श्रमिकों को 204 रुपए मजदूरी दी जाती है। जो देश के अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे कम है।
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