- स्मारकों पर पहली बार कैग रिपोर्ट पेश
भोपाल। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने मप्र में ऐतिहासिक महत्व के किला, बावड़ी, स्मारकों के रख-रखाव के दावों की पोल खोल दी है। कैग ने विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट में खुलासा किया है कि प्रदेश की 64 स्मारकें अतिक्रमण की चपेट में हैं। जिनमें भोपाल की सदन मंजिल से लेकर जगदीशपुर, इंदौर का लालबाग पैले, चंपा की बावड़ी, नौगांव का नाग मंदिर भी शामिल हैं। स्मारक परिसर में बाहरी लोगों ने मकान, दुकान बना लिए हैं, तो अनियमित निर्माण भी किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदेश के 189 स्मारकों के संयुक्त निरीक्षण के दौरान इस स्थिति का पता चला है, जो स्मारकों की सुरक्षा के लिए खतरा है।
प्राचीन स्मारक एवं पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष अधिनियम 2010 के अंतर्गत स्मारक की मौलिकता को प्रभावित करने वाला निर्माण विभाग की अनुमति के बगैर सौ मीटर के दायरे में नहीं किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अतिक्रमण के मामलों में नियमित निरीक्षण, अतिक्रमण की पहचान और अविलंब निष्कासन की एक मजबूत प्रणाली की आवश्यकता है। जुलाई 2022 में आयुक्त ने वादा किया कि इन सभी मामलों की जांच के लिए कार्ययोजना तैयार करेंगे और स्थानीय प्रशासन की मदद से कार्रवाई करेंगे। कैग ने यह भी कहा है कि स्मारकों के वार्षिक रखरखाव के लिए विभाग के पास न तो कोई नीति है और न ही तंत्र। इसलिए बजट भी नहीं मांगा गया और न ही किसी अन्य स्रोत से रखरखाव किया गया। यही कारण है कि संरक्षित स्मारकों की मूलभूत आवश्यकताओं (जंगली वनस्पति) की पूर्ति नियमित रूप से नहीं की जा सकी हैं।
सदर मंजिल के मूल रूप से की छेड़छाड
कैग रिपोर्ट में बताया कि स्मार्ट सिटी कंपनी ने बिना मंजूरी के सदर मंजिल का जीर्णाेद्वार कराया । जिससे उसका मूल स्वरूप ही बदल दिया है। अभी तक यह हेरीटेज का रूप नहीं ले पाई है। साथ ही सरकार ने पयर्टन विकास निगम के माध्यम से जिन किलों को हेरिटेज होटलों में बदलने के लिए लीज पर दिया था, वे अभी भी बदहाल स्थिति में हैं।