डेस्क: इतिहास में यूरोपीय लोग (European People) कैसे अपना जीवन जीते थे इसपर एक नई स्टडी सामने आई है. स्टडी में बेहद हैरान कर देने वाला दावा किया गया है. वैज्ञानिकों (scientists) ने बताया है कि यूरोपीय लोगों ने 15,000 साल पहले अपने मृत परिजनों (dead relatives) को अंतिम संस्कार की रस्म में दफनाने के बजाय उन्हें खा लिया करते थे.
यह शोध पुरापाषाण युग के मैग्डलेनियन काल (Magdalenians Era) पर केंद्रित था. मैग्डलेनियन लगभग 11,000 से 17,000 साल पहले रहते थे. लंदन के नेशनल हिस्ट्री म्यूजियम (National History Museum) के विशेषज्ञों ने कथित तौर पर 59 मैग्डेलियन साइटों की पहचान कर ली है, जिनमें मानव अवशेष पाए गए हैं. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश फ्रांस में थे, साथ ही जर्मनी, स्पेन, रूस, यूनाइटेड किंगडम, बेल्जियम, पोलैंड, चेक गणराज्य और पुर्तगाल में भी साइटें थीं.
15 साइटों से मिले सबूत
वैज्ञानिकों को 25 साइटों से पता चला है कि यहां अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है. इनमें 15 ऐसे साइट हैं, जहां मानव कंकाल और खोपड़ी पर इंसानों द्वारा दांतों से चबाए जाने के निशान हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसा उत्तरी और पश्चिमी यूरोप में किया जाता था.
क्या बोले शोधकर्ता?
लंदन के नेशनल हिस्ट्री म्यूजियम (National History Museum) के शोधकर्ता सिल्विया बेलो ने कहा यहां मुर्दे लोगों को दफनाया नहीं जाता था, बल्कि उन्हें खा लिया जाता था. बेलो ने कहा, “यह अपने आप में दिलचस्प है क्योंकि यहां फ्यूनरल प्रथा के रूप में लोगों को खा लेने की प्रथा थी. यह सबूत बहुत पुराना है.
किस संस्कृति के लोग अपने मृत परिजनों को खाते थे?
इन क्षेत्रों में दो अलग-अलग संस्कृति के लोग हुआ करते थे. एक मैग्डलेनियन संस्कृति और दूसरी एपिग्रेवेटियन. शोधकर्ताओं ने पाया कि उत्तर-पश्चिमी यूरोप में मैग्डलेनियन संस्कृति से संबंधित लोग अपने मृतकों को खाना पसंद करते थे, जबकि एपिग्रेवेटियन संस्कृति के मनुष्य अपने मृतकों को दफनाना पसंद करते थे.