
नई दिल्ली. बड़े निवेशों की घोषणाओं, व्यापार करने में आसानी को बेहतर बनाने के प्रयासों और निवेश से जुड़े नए व्यापार समझौतों (trade agreements) के समर्थन से अगले साल देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में मजबूत वृद्धि दर्ज होने की उम्मीद है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने इस वर्ष एफडीआई को बढ़ावा देने के तरीकों पर हितधारकों के साथ कई बैठकें की हैं।
नवंबर में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने प्रक्रियाओं को तेज, सुगम और कुशल बनाकर अधिक निवेश आकर्षित करने के तरीकों पर भी परामर्श किया। निवेशक अनुकूल नीतियां और नियामक प्रक्रियाएं ठीक की गई हैं। निवेश पर मजबूत रिटर्न और अनुपालन संबंधी बोझ में कमी आई है। उद्योग से संबंधित छोटी गलतियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना और मंजूरी प्रक्रियाओं को सरल बनाने जैसे ये कुछ ऐसे प्रमुख उपाय हैं जो वैश्विक चुनौतियों के बावजूद विदेशी निवेशकों को भारत की ओर आकर्षित कर रहे हैं।
रिकॉर्ड 80.5 अरब डॉलर का आया एफडीआई
2024-25 में वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) रिकॉर्ड 80.5 अरब डॉलर से अधिक रहा जनवरी-अक्तूबर, 2025 के दौरान यह 60 अरब डॉलर से अधिक हो गया है। यह मार्च अंत तक 80.62 अरब डॉलर तक जा सकता है। सरकार के उठाए गए विभिन्न कदमों के कारण भारत ने पिछले 11 वर्षों में उल्लेखनीय निवेश आकर्षित किया है। भारत चार देशों के यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के साथ अपने मुक्त व्यापार समझौते पर भी भरोसा कर रहा है। इसके तहत इस समूह ने 15 वर्षों में देश में 100 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।
विकसित देशों में 22% की कमी
विकसित देशों में एफडीआई में 22 प्रतिशत की गिरावट आई है। विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में निवेश स्थिर रहा। एशिया, विशेष रूप से पूर्वी और दक्षिणपूर्वी एशिया, साथ ही भारत में निवेशकों ने परियोजनाओं में मजबूत सक्रियता बनाए रखी। कुछ प्रमुख वैश्विक कंपनियों ने इस वर्ष बड़े निवेशों की घोषणा की है। माइक्रोसॉफ्ट ने देश के एआई केंद्रित भविष्य के लिए बुनियादी ढांचे और संप्रभु क्षमताओं के निर्माण में मदद करने के लिए 2030 तक 17.5 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की है। अमेजन ने अगले पांच वर्षों में 35 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बनाई है। गूगल भी इसी दौरान 15 अरब डॉलर का निवेश करेगा।
न्यूजीलैंड करेगा 20 अरब डॉलर का निवेश
न्यूजीलैंड ने भी भारत के साथ अपने व्यापार समझौते के तहत 20 अरब डॉलर की ऐसी ही प्रतिबद्धता जताई है। इसे 2026 में लागू किया जाना है। संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन की रिपोर्ट-2025 के अनुसार, वैश्विक एफडीआई 2024 में 11 फीसदी गिरकर 1.5 लाख करोड़ डॉलर हो गया।

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