जीवनशैली स्‍वास्‍थ्‍य

बच्‍चों के सम्‍पूर्ण विकास के लिए संतुलित आहार है बहुत जरूरी, देखें कैसें

बच्चों के सर्वांगीण शारीरिक और मानसिक विकास के लिए संतुलित आहार जरूरी है। इससे ना सिर्फ बच्चे का सर्वांगीण शारीरिक और मानसिक विकास मजबूत होगा, बल्कि रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होगी। खासकर ठंड के मौसम में तो बच्चों के देखभाल की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। ऐसे में खुद के साथ-साथ बच्चों की सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। छोटे-छोटे बच्चों का उसके स्वस्थ शरीर निर्माण के लिए कौन सा आहार हो, इसको लेकर सावधान रहने की जरूरत है। बच्चों को अगर विटामिन और मिनरल्स नहीं मिलते हैं तो उसके शरीर की धीरे-धीरे प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है।
बच्चों के आहार का रखें विशेष ख्याल-
बच्चों के आहार के प्रति थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है।दरअसल, अभी उनमें तेजी से प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। अभी अगर थोड़ा से सावधान रहें तो आगे ज्यादा परेशानी नहीं होगी। इसलिए जरूरी है कि उनके भोजन में दूध, अनाज की मात्रा बढ़ाएं। साथ ही पानी और जूस भी अधिक से अधिक दें। बच्चे के शारीरिक विकास के लिए कैलोरी बहुत जरूरी है। अधिक कैलोरी के लिए दूध और साबुत अनाज अधिक देने पर ध्यान दें।

शारीरिक विकास के लिए प्रोटीन जरूरी-
बच्चों को कॉर्नफ्लैक्स और ओट्स दे सकते हैं। वहीं, प्रोटीन की कमी से शारीरिक विकास सही तरीके से नहीं हो पाता है और मस्तिष्क संबंधी भी कई तरह के विकार पैदा हो जाते हैं। इसके अलावा मांसपेशियों और हड्डियों की मजबूती के लिए भी प्रोटीन बहुत जरूरी है। प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाने के लिए बच्चों को पूरी मात्रा में विटामिन और मिनरल दें। थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बच्चों को पानी पिलाते रहे।

इन बातों का रखें विशेष ध्यान-
जन्म के शुरुआती एक घंटे में नवजात को स्तनपान कराएं। छभ माह तक शिशु को सिर्फ स्तनपान कराएं, ऊपर से कुछ भी नहीं दें। स्तनपान कम से कम दो साल तक जारी रखें।छह माह पूरा होने के बाद बच्चे को स्तनपान के साथ संपूरक आहार देना शुरू करें। शुरुआत में प्रतिदिन बच्चे को अलग-अलग आहार खिलाएं। इस बात का ध्यान रखें कि इनमें पौष्टिक तत्व भरपूर मात्रा में शामिल हों। बच्चे को प्यार से समझाएं, उसे खेल-खेल में खाना खिलाएं। उन्हें सलाद, फल और सब्जियां काट कर दें। बच्चों को खेलने दें, वह जितना ज्यादा थकेंगे उन्हें उतनी ही भूख लगनी शुरू हो जाएगी। बच्चे को पौष्टिक खाना खाने की आदत डालें और बाहरी खाना से बचाएं।
नोट: उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव समान्‍य जानकारी के लिए है । इन्‍हें किसी प्रोफेशनल डॉक्‍टर की सलाह के रूप में न लें । कोई भी बीमारी या परेंशानी होनें पर डॉक्‍टर की सलाह जरूर लें।

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