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बिहार : बढ़ सकती हैं आरोपित पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की मुश्किलें

बेगूसराय । अतिप्रतिबंधित हथियारों के कारतूस रखने की आरोपित पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा की मुश्किलें बढ़ सकती है। फिलहाल वह जमानत पर चल रही हैं। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है। जिस आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के लेटर बम से शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी की मुश्किलें बढ़ीं और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। उसी ने अपना दूसरा लेटर बम मंजू वर्मा पर फोड़ा है।

अमिताभ कुमार दास ने बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को 21 नवम्बर को लिखे पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिछले मंत्रीमंडल में समाज कल्याण मंत्री रही मंजू वर्मा के विरुद्ध चेरिया बरियारपुर थाना में दर्ज कांड संख्या 143/18 में स्पीडी ट्रायल किया जाये।

उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर बेगूसराय पुलिस प्रशासन द्वारा इस केस का स्पीडी ट्रायल नहीं कराने का आरोप भी लगाया है। पत्र में कहा गया है कि पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा सीबीआई द्वारा दर्ज थाना कांड संख्या 143/18 में चार्जशीटेड है। सीबीआई ने मंजू वर्मा के घर 50 जिंदा कारतूस बरामद किए थे। अमिताभ कुमार दास का कहना है कि इस मामले में स्पीडी ट्रायल नहीं होने कारण मंजू वर्मा के खिलाफ दोष सिद्ध नहीं हो पा रहा है जिसके कारण वह चुनाव लड़ने को स्वतंत्र हैं। इसलिए बेगूसराय पुलिस प्रशासन को स्पीडी ट्रायल का आदेश दिया जाये।

उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड की जांच कर रही सीबीआई की टीम ने गत 17 अगस्त 2018 को पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के विभिन्न ठिकानों पर एक साथ छापेमारी किया था। इस दौरान मंजू वर्मा के ससुराल बेगूसराय के अर्जुन टोल श्रीपुर स्थित आवास पर भी छापेमारी की गयी जिसमें मंजू वर्मा एवं चंद्रशेखर वर्मा तो नहीं मिले, लेकिन सीबीआई को घर से महत्वपूर्ण कागजात के साथ एक बक्सा से इंसास एवं एसएलआर समेत अन्य अत्याधुनिक हथियारों की 50 गोलियां बरामद किया था।

बड़ी मात्रा में सिर्फ सेना के लिए उपयोग होने वाले अतिप्रतिबंधित हथियारों गोलियां को देखकर चकित सीबीआई ने तत्काल कई स्तर पर जांच किया और सीबीआई के डीएसपी उमेश प्रसाद ने पूर्व मंत्री मंजू वर्मा और उसके पति चंद्रशेखर वर्मा के विरुद्ध आर्म्स एक्ट के तहत चेरिया बरियारपुर थाना में मामला दर्ज कराया था। इसके बाद मंजू वर्मा दंपत्ति फरार हो गए तथा सुप्रीम कोर्ट में सरकार की किरकिरी होने के बाद दोनों पति पत्नी ने आत्मसमर्पण किया। लंबी प्रक्रिया के बाद वे उच्च न्यायालय से जमानत पर चल रहे हैं।

फिलहाल यह मामला बेगूसराय न्यायालय में एमपी एमएलए के मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष न्यायालय में चल रहा है। कानूनी शिकंजा कमजोर पड़ने के कारण ही इस बार विधान सभा चुनाव में मंजू वर्मा ने जदयू के टिकट पर चेरिया बरियारपुर विधानसभा से चुनाव भी लड़ा था। हालांकि वह राजद के राजवंशी महतों के हाथ 40 हजार से अधिक वोट से हार गईं थीं।

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