चुनाव 2024 बड़ी खबर

अमेठी के बाद क्या अब वायनाड में राहुल का खेल बिगाड़ेंगी स्मृति ईरानी? 2019 में किया था बड़ा उलटफेर

 

नई दिल्ली: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) मैदान तुम चुनो कार्यकर्ता हम चुनेंगे…. यह चुनौती स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने राहुल गांधी को उस वक्त दी थी जब वे नागपुर के नमो युवा महासम्मेलन (Namo Youth Conference) को संबोधित कर रहीं थीं. इससे कुछ दिन पहले ही स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को अमेठी में चुनौती दी थी. जब उन्होंने यह कहा था कि राहुल गांधी वायनाड जाए बिना सिर्फ अमेठी से चुनाव लड़कर दिखाएं. अमेठी से कांग्रेस के टिकट पर कौन चुनाव लड़ेगा अब तक यह साफ नहीं है, लेकिन स्मृति ईरानी ने अब वायनाड जाकर राहुल का खेल बिगाड़ने की तैयारी कर ली है.

स्मृति ईरानी और राहुल गांधी अब तक दो बार अमेठी की सीट पर मुकाबला कर चुके हैं, 2014 के चुनाव में पहली बार स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को चुनौती दी थी. हालांकि वह एक लाख मतों से हार गईं थीं. हार के बावजूद स्मृति ईरानी अमेठी में लगातार एक्टिव रहीं और 2019 में फिर राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा और 55 हजार मतों से जीतकर बहुत बड़ा उलटफेर किया. इन दस सालों में स्मृति ईरानी लगातार राहुल गांधी पर हमलावर रहीं हैं. ऐसे में स्मृति ईरानी का वायनाड दौरा सीधे तौर पर राहुल गांधी का खेल बिगाड़ने की मंशा से जोड़ा जा रहा है.


राहुल गांधी वायनाड से कल नामांकन करने वाले हैं, लेकिन वह तीसरी बार अमेठी से चुनाव लड़ेंगे या नहीं ये अब तक साफ नहीं हो सका है. माना जा रहा है कि यदि राहुल गांधी यहां से चुनाव लड़ते भी हैं तो उनके लिए राह आसान नहीं रहने वाली. दरअसल पहला चुनाव हारने के बाद से ही ईरानी यहां एक्टिव रहीं और लगातार लोगों के बीच जाकर अपनी पकड़ बनाई. 2019 के चुनाव में स्मृति ईरानी लगातार वहां रहीं इलाके पर पकड़ बनाई और राहुल गांधी पर निशाना साधती रहीं. जीत मिली तो अमेठी छोड़ा नहीं बल्कि वहां 2021 में घर के लिए जमीन खरीदी और अब वहां गृह प्रवेश भी कर लिया. राहुल गांधी ने जब अमेठी में अपनी न्याय यात्रा का पड़ाव डाला तो ईरानी वहां पहले से ही मौजूद थीं और लगातार लोगों से मुलाकात कर रही थीं.

राहुल गांधी वायनाड सीट से दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं, इससे पहले वह सिर्फ अमेठी सीट से ही लड़ते रहे हैं. उनकी राजनीतिक पारी की शुरुआत 2004 में हुई थी. पहले चुनाव में राहुल गांधी ने भारी मतों से जीत हासिल की थी. 2009 में राहुल गांधी ने बढ़िया जीत दर्ज की, लेकिन 2014 में स्मृति ईरानी के अमेठी से दावा ठोंकते ही जीत का अंतर कम हो गया, उस चुनाव में राहुल गांधी सिर्फ 1 लाख मतों से ही जीत सके थे और अगले ही चुनाव में ईरानी ने राहुल को हराकर कांग्रेस के अमेठी किले को भेद दिया था. अब वायनाड में स्मृति ईरानी का दौरा वायनाड में राहुल के खिलाफ BJP के बिगुल की शुरुआत मानी जा रही है. ठीक उसी तरह जैसे उन्होंने अमेठी में किया था.

ईरानी अपने अगले मिशन पर वायनाड जा रही हैं. गुरुवार को वह भाजपा उम्मीदवार के सुरेंद्रन के समर्थन में एक बड़ा रोड शो करेंगी. यह रोड शो राहुल गांधी के नामांकन के ठीक 24 घंटे बाद होगा. रोडशो के बाद भाजपा उम्मीदवार का नामांकन होगा और उसके बाद स्मृति ईरानी मीडिया से बातचीत भी करेंगीं. यहां राहुल गांधी का मुकाबला भाजपा उम्मीदवार के सुरेंद्रन से होगा. हालांकि माना ये जा रहा है कि के सुरेंद्रन तो बस चेहरा हैं. वायनाड में असली मुकाबला राहुल गांधी Vs स्मृति ईरानी का है. पिछले 10 साल से स्मृति ईरानी यही करती आईं हैं. उनके ज्यादातर वक्तव्यों और भाषणों में निशाना राहुल गांधी पर ही होता है. अमेठी में भी पहले उन्होंने राहुल गांधी को चुनौती दी, फिर हराया. अब वायनाड में भी वह राहुल गांधी को अप्रत्यक्ष तौर पर चुनौती देने जा रही हैं.

वायनाड में दूसरे चरण में मतदान होगा. वहां 26 अप्रैल को वोट डाले जाने हैं. पिछले चुनाव में यहां राहुल गांधी को सीपीआई के पीपी सुनीर ने चुनौती दी थी. हालांकि राहुल गांधी को यहां तकरीबन 5 लाख मतों से जीत हासिल हुई थी. अबकी बार उनका मुकाबला भाजपा के के सुरेंद्रन से हैं जो केरल भाजपा के अध्यक्ष है. उनकी राजनीति की शुरुआत भी भारतीय जनता युवा मोर्चा के वायनाड जिला अध्यक्ष के रूप में ही हुई थी. पिछले लोकसभा चुनाव में के सुरेंद्रन पथानामथिट्टा से चुनाव लड़े थे, लेकिन जीत नहीं सके थे.

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