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राजस्थान में आरक्षण के लिए आंदोलनकारी ने पेड़ पर लगा ली फांसी

जयपुर (Jaipur)। राजस्थान (Rajsthan) में आरक्षण (Reservation) की मांग को लेकर आंदोलनकारियों ने भरतपुर में जयपुर-आगरा हाईवे जाम कर दिया। सड़क पर आंदोलनकारियों (agitators) ने टेंट में रात गुजारीं। यहां बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हाथों में लाठियां लेकर पहुंचे। माली, सैनी, कुशवाह, शाक्य, मौर्य और काछी समाज के लोगों ने 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर अरोदा और बेरी गांव के बीच हाईवे को बंद कर दिया।

तो वहीं दसूरी ओर भरतपुर में सैनी आरक्षण आंदोलन स्थल पर एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। बीते कई दिनों से यह व्यक्ति आंदोलन में शामिल था। आंदोलन स्थल के पास सड़क किनारे पड़ा मिला शव। पुलिस मौके पर पहुंच गई है। सैनी-माली समाज के आरक्षण आंदोलन का आज मंगलवार पांचवा दिन है। यहां आंदोलनस्थल अरोदा गांव के पास चह गांव में नेशनल हाईवे-21 के किनारे सैनी समाज के एक आंदोलनकारी ने पेड़ से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है।



पुलिस की मौजूदगी में शव को मंगलवार सुबह एंबुलेंस से नदबई हॉस्पिटल ले जाया गया है।मृतक की पहचान नजदीकी गांव ललिता मुड़िया निवासी मोहन सिंह के रूप में हुई है। शव को भरतपुर के राय बहादुर मेमोरियल (आरबीएम) अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया है। मोहन सिंह सैनी समाज से था और आंदोलन में शामिल था। उसकी जेब से मिले पर्चे पर लिखा था- ‘ज्योतिबा फुले अमर रहे, 12 प्रतिशत आरक्षण लेकर रहेंगे।

दूसरी तरफ 12% आरक्षण की मांग को लेकर सैनी समाज का आंदोलन जारी है और उन्होंने जयपुर आगरा नेशनल हाईवे पर जाम लगा रखा है। आज तड़के सुबह आंदोलनकारियों को निगाह पड़ी कि आंदोलन स्थल के पास रोड के किनारे एक आंदोलनकारी लटका हुआ है । मृतक आंदोलनकारी की पहचान मोहन सिंह सैनी निवासी ललिता खंडार के रूप में हुई है।

सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और सब को पेड़ से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया गया है । जानकारी के मुताबिक मृतक मोहन सिंह सैनी 2 दिन से आंदोलन स्थल पर था जिसे हाथ होकर उसने पेड़ से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली । वही सैनी समाज आरक्षण संघर्ष समिति के 15 सदस्य कमेटी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से वार्ता करने के लिए जयपुर पहुंच गई है।

उल्लेखनीय है कि मुरारी लाल सैनी ने 20 अप्रैल को चक्काजाम की घोषणा की थी। इसके बाद भरतपुर पुलिस ने सैनी समेत 6 लोगों को गोवर्धन से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके बाद शुक्रवार 21 अप्रैल से आंदोलन भड़क गया और समाज के लोग हाईवे पर आकर बैठ गए। अब आंदोलनकारियों की मुख्य मांग है कि फुले आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी सहित सभी लोगों को छोड़ा जाए।

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