वाशिंगटन (Washington)। भारत की बेटी (India’s daughter) ने लाल ग्रह ( red planet) पर इतिहास रच (created history) दिया है। मंगल ग्रह (Mars) पर रोवर संचालित करने वाली नासा से जुड़ी डॉ. अक्षता कृष्णमूर्ति (Dr. Akshata Krishnamurthy associated with NASA) पहली भारतीय महिला बन गई हैं। अक्षता ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पीएचडी की है। यहीं से उनका चयन नासा के लिए हुआ।
अक्षता ने अपनी उपलब्धि पर कहा, अपने सपने को पूरा करने के लिए खुद पर भरोसा रखिए और लगातार लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम करते रहना चाहिए। अक्षता नासा में प्रमुख इन्वेस्टिगेटर और मिशन विज्ञान चरण लीड हैं। वह नासा में गत पांच वर्षों से वह काम कर रही हैं।
13 वर्ष पहले पहुंचीं थीं अमेरिका
अक्षता, नासा में काम का सपना लेकर 13 वर्ष पूर्व अमेरिका पहुंचीं। कई लोगों ने उनसे कहा यह नामुमकिन है, क्योंकि उनके पास विदेशी वीजा है। अतः वह प्लान-बी तैयार रखें या फिर कॅरिअर की दिशा बदल लें पर वह डटी रहीं।
अक्षता ने लिखा, एमआईटी में पीएचडी करने से लेकर नासा में नौकरी पाने तक कुछ भी आसान नहीं था। यहां तक पहुंचने के लिए कई बार लोगों ने उनका मनोबल भी तोड़ा, लेकिन उन्होंने अपने सपने को टूटने नहीं दिया और काम करती गईं।
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