इंदौर न्यूज़ (Indore News)

15 एकड़ जमीन के साथ 50 लाख न्याय नगर के भी हड़प लिए मद्दे ने

  • किसानों से संस्था ने किया जमीन खरीदी का अनुबंध और रजिस्ट्री अपनी घरेलू संस्था त्रिशला में करवा ली – अब संतोषी माता की अवैध बिकी जमीन की रजिस्ट्री भी होगी शून्य

इंदौर (Indore)। जेल में बंद चर्चित भूमाफिया दीपक जैन (Land mafia Deepak Jain) उर्फ मद्दे के तमाम कारनामे लगातार मीडिया में उजागर होते रहे हैं। अभी कल्पतरु गृह निर्माण (Kalpataru Home Construction) में किए फर्जीवाड़े के चलते क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भिजवाया है। वहीं संतोषी माता गृह निर्माण की 23 एकड़ जमीन खरीदकर कल्पतरु में शामिल करने और फिर उसे रसूखदारों को बेचकर करोड़ों रुपए की अवैध कमाई कर ली। अब इस जमीन की रजिस्ट्री सहकारिता विभाग द्वारा शून्य करवाई जा रही है। वहीं मद्दे का एक और कारनामा न्याय नगर गृह निर्माण के मामले में भी सामने आया, जिसमें किसानों यानी जमीन मालिकों से अनुबंध न्याय नगर के नाम पर करवाया और फिर जमीन की रजिस्ट्री अपनी घरेलू संस्था त्रिशला गृह निर्माण में करवा ली। इतना ही नहीं जमीन हड़पने के साथ-साथ उसके एवज में न्याय नगर द्वारा दिए गए लगभग 50 लाख रुपए भी खुद ही रख लिए।

एक दर्जन से अधिक गृह निर्माण संस्थाओं में मद्दे ने इसी तरह की हैरतअंगेज जालसाजी की है और वह इतना शातिर है कि अपने खिलाफ दर्ज 7 एफआईआर में लम्बी फरारी काटने के बाद जमानतें भी पा गया। यहां तक कि रासुका निरस्ती का गृह मंत्रालय का फर्जी आदेश बनवाया और उसमें भी उसे राहत मिल गई। दरअसल भोपाल में बैठे मंत्रियों के साथ-साथ प्रभावशाली राजनेताओं और पुलिस अफसरों के साथ सांठगांठ कर मद्दे ने अपने खिलाफ दायर एफआईआर में एक-एक कर राहत पा ली। मगर अब कल्पतरु गृह निर्माण में जो 5 करोड़ रुपए का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ उसके संबंध में कानूनी जानकारों का कहना है कि बचना मुश्किल है, क्योंकि मद्दे ने जालसाजी का यह पैसा अपने निजी खातों में जमा कर लिया और अब जांच से यह भी पता चलेगा कि इन खातों में कल्पतरु के अलावा अन्य तमाम संस्थाओं का कितना करोड़ों रुपया जमा हुआ है।


उसमें एक मामला संतोषी माता गृह निर्माण का भी पिछले दिनों सामने आया, जिसमें 29 लाख में 23 एकड़ जमीन संतोषी माता की खरीदकर कल्पतरु में ट्रांसफर कर दी और फिर इस जमीन के बड़े-बड़े टुकड़े कर रसूखदारों को बेच डाले और करोड़ों रुपए इसमें भी कमाए। पुलिस अफसर माने सहित अन्य लोगों को बेची गई जमीनों का खुलासा पिछले दिनों अग्निबाण ने किया भी था। वहीं सहकारिता विभाग ने संतोषी माता गृह निर्माण की अवैध रूप से बिकी 23 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री शून्य करवाने की अदालती प्रक्रिया भी शुरू करवा दी है, ताकि यह जमीन फिर से संतोषी माता के पास चली जाए और इसके जो भूखंड पीडि़त हैं उन्हें राहत मिल सके। मद्दे का एक फर्जीवाड़ा न्याय विभाग कर्मचारी गृह निर्माण संस्था का भी सामने आया है, जिसकी 15 एकड़ जमीन के साथ 49 लाख 41 हजार रुपए यानी लगभग 50 लाख भी मद्दे ने हड़प लिए। दिलावर, शोहराब और ईस्लाम नामक जमीन मालिकों से 15.81 एकड़ जमीन का अनुबंध 05.08.1998 को 11 लाख रुपए प्रति एकड़ में किया और इसके बदले न्याय नगर को 1 करोड़ 73 लाख 95 हजार देना थे और बयाने के रूप में ये 50 लाख की राशि दी गई, लेकिन बाद में मद्दे ने इस जमीन की रजिस्ट्री न्याय विभाग कर्मचारी संस्था में करवाने की बजाय अपनी घरेलू यानी जेबी संस्था त्रिशला गृह निर्माण में करवा ली। खजराना की इस जमीन का सर्वे नं. 172/1, 172/2, 173, 174/3 है और इस जमीन के बदले मद्दे ने अपनी ग्राम छिंटकाना की जमीन देना भी अनुबंध में बताया। इस तीन पेज के अनुबंध की छायाप्रति भी अग्निबाण के पास है, जिसमें मद्दे के हस्ताक्षर भी हैं।

चिराग के सहयोगी ड्रग एडिक्ट साजिद की मौत
प्रशासन के समक्ष चिराग शाह की ओर से उसका गुर्गा साजिद खान ही पेशी पर उपस्थित होता था। मगर अभी उसकी मौत हो गई। सूत्रों का कहना है कि साजिद ड्रग एडिक्ट भी था और कुछ समय पूर्व उसका इलाज भी चला। मगर बावजूद उसके वह ड्रग का सेवन करता रहा और अभी हार्टअटैक से उसकी मौत होना बताया गया है। साजिद की मौत से प्रशासन को भी परेशानी होगी, क्योंकि हाईकोर्ट में 17 अप्रैल को सुनवाई है और साजिद से ही प्रशासन चिराग शाह की जानकारी ले रहा था। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट में चिराग, चम्पू, धवन की कॉलोनियों से जुड़े पीडि़तों की सुनवाई की जा रही है और पीडि़तों ने इन माफियाओं द्वारा दिए गए चेक भी लेने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि उन्हें ब्याज सहित अपनी राशि वापस नहीं चाहिए, बल्कि उन्होंने भूखंड के लिए यह पैसा दिया था। लिहाजा प्रशासन और न्यायालय उन्हें भूखंड उपलब्ध करवाए।

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