भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

Madhya Pradesh के कोयले से रोशन होगा आंध्र प्रदेश

  • आंध्र सरकार ने मप्र से मांगा सहयोग

भोपाल। कोयले की किल्लत के कारण जिस तरह पूरा देश बिजली कटौती का सामना कर रहा है, आंध्र प्रदेश सरकार (Government of Andhra Pradesh) के स्वामित्व वाले आंध्र प्रदेश मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Andhra Pradesh Mineral Development Corporation Limited) अपने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) स्थित सुलियारी कोल ब्लॉक के विकास को तेजी से आगे बढ़ाने में जुटी है। आंध्र प्रदेश सरकार (Government of Andhra Pradesh) ने सिंगरौली जिले में स्थित अपने कोल ब्लॉक से उत्पादन के कार्य में तेजी लाने और सुचारू रूप से चलाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) से सहयोग की अपील की है।



आंध्र प्रदेश सरकार को यह कदम तब उठाना पड़ा है, जब केन्द्र सरकार और कोयला मंत्रालय ने कोयले के उत्पादन में तत्काल तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। पिछले कुछ दिनों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह देश में बिजली आपूर्ति की स्थिति को आसान बनाने के लिए कोयले की मांग और आपूर्ति से जुड़ी चुनौतियों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी बिजली उत्पादन इकाइयों को निर्बाध रूप से ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कोयला उत्पादकों से निकासी और उत्पादन में आने वाली बाधाओं को खत्म करने की कोशिश में लगातार जुटे हुए हैं।

आंध्र के सीएस ने मप्र के सीएस को लिखा पत्र
आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को लिखे अपने चिठ्ठी में कहा है कि खनन कार्यों के जल्द शुरू होने से मध्य प्रदेश राज्य सरकार को आरक्षित मूल्य, वैधानिक शुल्क एवं करों के मामले में बहुमूल्य राजस्व की प्राप्ति होगी। इसके साथ हीं खनन कार्यों में तेजी आने से सिंगरौली जिले के वैढऩ क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक विकास होगा। इसके अलावा रोजगार के भी अवसर उपलब्ध होंगे जिसका सीधा फायदा स्थानीय लोगों के विकास में होगा। मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिला अंतर्गत सुलियारी कोयला खदान, कोयले के संकट का सामना कर रहा देश को निजात दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

कई राज्यों में हो रही कटौती
कई राज्य पर्याप्त बिजली उत्पादन के अभाव में घंटों बिजली कटौती करने को मजबूर है। कोविड-19 के वजह से जो उद्योग-धंधे बुरी तरह लडख़ड़ा गए थे, वो त्योहारों के इस मौसम में रिकवरी की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उन्हें अब यह डर सताने लगा है कि बिजली की सामान्य आपूर्ति जल्द बहाल नहीं हुई तो उनकी स्थिति फिर से चौपट हो जाएगी। साल 2016 में कोयला मंत्रालय द्वारा आवंटित, एपीएमडीसी का सुलियारी कोयला ब्लॉक पूरी तरह से चालू होने पर सालाना पांच मिलियन टन कोयले का उत्पादन करेगा। यह आंध्र प्रदेश की बिजली परियोजनाओं के लिए उचित लागत पर महत्वपूर्ण ईंधन मुहैय्या करेगा और साथ हीं मध्य प्रदेश सरकार के लिए राजस्व और यहां के नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर भी सुनिश्चित करेगा।

सुलियारी कोल ब्लॉक दूर करेगा कोयला संकट
एपीएमडीसी ने पिछले महीने हीं सुलियारी कोल ब्लॉक का संचालन शुरू किया था, लेकिन कुछ स्थानीय लोगों द्वारा उठाए गए मुद्दों के कारण अपेक्षित रफ्तार से काम आगे नहीं बढ़ पाई। आंध्र प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव आदित्य नाथ दास ने मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को पत्र लिखकर कहा कि एपीएमडीसी ने खदान को शुरू कराने के लिए पर्यावरण विभाग से मंजूरी, वन विभाग की मंजूरी जैसे सभी वैधानिक परमिट और अनुमोदन प्राप्त कर लिए हैं, और खनन पट्टा समझौते को बखूबी लागू किया है।

Share:

Next Post

जशपुर हिट एंड रन केस मामले में भिड़े Kamalnath- Shivraj

Mon Oct 18 , 2021
तस्करों को बचाने के मामले में एक-दूसरे पर लगाए आरोप भोपाल। छत्तीसगढ़ के जशपुर में दो दिन पहले भक्तों को गाड़ी से कुचलने के मामले में मप्र में सियासी पारा चढ़ बया है। आरोपियों को बचाने के आरेापों पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) आमने सामने […]