नई दिल्ली। काफी लंबे समय से घाटे में चल रहे हैंडीक्राफ्ट्स एंड हैंडलूम्स एक्सपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (Handicrafts and Handloom Exports Corporation – HHEC) को सरकार ने बंद करने का फैसला आखिरकार कर ही लिया है। हाल ही में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में HHEC को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वस्त्र मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन हैंडीक्राफ्ट एंड हैंडलूम्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (HHEC) को बंद करने की स्वीकृति दे दी है।
विदित हो कि वित्त वर्ष 2015-16 से हैंडलूम्स एक्सपोर्ट (HHEC) लगातार घाटे (Loss) में चल रहा है और अपने संचालन खर्चों को पूरा करने के लिए पर्याप्त पैसा भी नहीं जुटा पा रहा था। इस संस्थान को फिर से खड़ा करने की भी संभावना बहुत ही कम है, इसलिए कंपनी को बंद करना जरूरी था।
बताया जा रहा है कि कॉरपोरेशन में 59 स्थाई कर्मचारी हैं और 6 मैनेजमेंट ट्रेनी हैं। सभी स्थाई कर्मचारियों और मैनेजमेंट ट्रेनी को सार्वजनिक उद्यम विभाग द्वारा निर्धारित तौर-तरीकों के अनुसार स्वैच्छिक अवकाश प्राप्ति योजना (VRS) का लाभ उठाने का अवसर दिया जाएगा।
इस कंपनी का गठन साल 1958 में हुआ था, और मकसद भारतीय हस्तशिल्प, भारतीय हथकरघा, भारतीय सजावट, भारतीय उपहार, भारतीय प्राचीन वस्तुएं, चमड़े की सजावट, रत्न और आभूषण और चमड़े की सजावट जैसे प्रोडक्ट्स को दुनियों के बाजार तक पहुंचाना था।
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