नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) की नियुक्ति को लेकर लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सवाल उठाया था. उन्होंने इसे आधी रात में जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया था. इसको लेकर अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने राहुल गांधी को जवाब दिया है.
बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि आजाद भारत में एक बार आधी रात को इंदिरा गांधी ने फैसला लेकर आपातकाल लगा दिया था. उन्होंने संविधान का किडनैप कर लोकतंत्र को बंधक बना दिया. अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, ‘नरेंद्र मोदी सरकार का राष्ट्रहित में और संविधान के अनुरूप निर्णय लेने का बेदाग ट्रैक रिकॉर्ड है और नए मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति भी इसी तरह की है. लोकतंत्र के ऐसे पापी, जिनका अपने वफादारों को शीर्ष पदों पर नियुक्त करने का इतिहास रहा है, अब मोदी सरकार को उपदेश दे रहे हैं. संविधान का अनादर और आधी रात को साजिशें कांग्रेस की संस्कृति हैं- हम पारदर्शिता में विश्वास करते हैं.’
During the meeting of the committee to select the next Election Commissioner, I presented a dissent note to the PM and HM, that stated: The most fundamental aspect of an independent Election Commission free from executive interference is the process of choosing the Election… pic.twitter.com/JeL9WSfq3X
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 18, 2025
दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से संबंधित समिति की बैठक में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को अपना असहमतिपूर्ण नोट सौंपा था. जिसमें उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की स्वतंत्रता विशेष रूप से चुनाव आयुक्त और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया सरकार के हस्तक्षेप से मुक्त होनी चाहिए. राहुल गांधी ने ये भी दावा किया कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए CJI को इस समिति से हटा दिया. इसके कारण चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर मतदाताओं के मन में चिंता और बढ़ गई है.
राहुल गांधी ने बताया अपमानजनक कदम
राहुल ने अपने ट्वीट में ये भी कहा कि यह सरकार की ओर से उठाया गया एक अपमानजनक और असम्मानजनक कदम है क्योंकि चुनाव आयुक्त की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठने के बावजूद इस पर जल्दबाजी में फैसला लिया गया है. उनका मानना है कि ऐसे कदम भारतीय लोकतंत्र की मजबूती को कमजोर कर सकते हैं.
आधी रात में नए CEC का फैसला: राहुल गांधी
उन्होंने आगे कहा, ‘नेता प्रतिपक्ष के रूप में यह मेरा कर्तव्य है कि मैं बाबासाहेब अम्बेडकर और हमारे देश के संस्थापक नेताओं के आदर्शों को कायम रखूं और सरकार को जिम्मेदार ठहराऊं. नई सीईसी का चयन करने के लिए आधी रात को निर्णय लेना प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के लिए अपमानजनक और असभ्य दोनों है, जब समिति की संरचना और प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा रही है और 48 घंटे से भी कम समय में सुनवाई होनी है.’
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