बड़ी खबर मध्‍यप्रदेश

मध्य प्रदेश चुनाव में ‘राम-रावण’ की एंट्री, दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर ऐसे किया वार

भोपाल: मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कुछ महीनों का वक्त बचा है, लेकिन एक बार फिर प्रदेश के दो राजघराने राम और रावण को लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने निशाना साथ दिया है. राम और रावण की एंट्री के बाद दोनों राजघरानों की राजनीतिक लड़ाई खुलकर आमने सामने हो गई है.

उल्लेखनीय है कि 8 जुलाई को राघोगढ़ में लाडली बहना सम्मेलन (Ladli Bahna Sammelan) आयोजित किया गया था, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी शिरकत की थी. यहां पर सिंधिया ने मंच से बिना नाम लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उनके पुत्र पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह पर निशाना साधा था. उन्होंने मंच से कहा था कि-
‘एक थी बाप बेटे की जोड़ी निराली,
कर दी उन्होंने मध्य प्रदेश की झोली खाली.
रावण जैसा अहंकार रहता सिर पर सवार,
न उठे अपनी ऊंची गद्दी से एक इंच भी, नाम है उनका ‘बंटाधार”

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इशारों ही इशारों में दिग्विजय सिंह और उनके पुत्र जयवर्धन सिंह पर राजनीतिक प्रहार किया था. इसके जवाब में दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह भी खुलकर सामने आ गए हैं. दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित बीजेपी संगठन के नेताओं को टैग करते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि-
‘राम कहां नहीं हैं?
राम तो घर घर में हैं
राम हर आंगन में हैं.
मन से रावण जो निकाले
राम उसके मन में है.’

बीजेपी और कांग्रेस के दोनों दिग्गज नेता मध्य प्रदेश के राजघराने से आते हैं. दोनों परिवारों की लड़ाई 100 साल से ज्यादा पुरानी है. आजादी के पहले से सिंधिया और दिग्विजय सिंह के पूर्वज आमने-सामने होते रहे हैं. आजादी के बाद यह लड़ाई सियासी जंग में बदल गई. अब सियासत में सिंधिया और दिग्विजय सिंह परिवार के बीच शह-मात का खेल चल रहा है.


दोनों ही परिवार नहीं चूकते एक भी मौका
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया राजनीतिक रण में एक-दूसरे के खिलाफ मोर्चा बुलंद करने में एक भी मौका नहीं चूकते हैं. इसके पहले दिग्विजय सिंह ने उज्जैन में कहा था कि ‘हे महाकाल! दूसरा ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में पैदा ना हो’. इसके जवाब में सिंधिया ने भी पलटवार करते हुए लिखा था कि ‘हे महाकाल! दिग्विजय सिंह जैसा नेता भारत में जन्म न लें”. इस तरह दोनों ही राजघराने राजनीति के मैदान में वाक युद्ध के दौरान एक दूसरे से पीछे नहीं रहना चाहते हैं.

जयवर्धन सिंह ने भी दिया जवाब
मध्य प्रदेश की राजनीति में राम और रावण की एंट्री के बाद अब पूर्व मंत्री और विधायक जयवर्धन सिंह ने भी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि “हमें तो भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों के नेताओं में राम नज़र आते हैं क्योंकि हमारे मन में भी राम है, जिसके मन में रावण होता है उसे सभी जगह रावण नजर आते हैं”. उन्होंने यह भी कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मेहमान के रूप में राघोगढ़ आए थे और मेहमान के आने से भाषण देने से किसी का भला नहीं होने वाला है. वे तो खुद राघोगढ़ के स्थाई निवासी हैं. यहां के लोग उनके परिवार के सदस्य हैं.

दिग्विजय सिंह के कारण छोड़ी थी सिंधिया ने कांग्रेस ?
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने के कारणों की जब बात की जाती है तो एक वजह यह भी सामने आती है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कारण उन्हें कांग्रेस से भाजपा में जाना पड़ा. दरअसल सिंधिया और दिग्विजय सिंह परिवार की राजनीतिक लड़ाई लगातार चार दशक से आमने-सामने चल रही है.

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि 1993 में माधवराव सिंधिया कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी होना थी, लेकिन दिग्विजय सिंह ने उन्हें मुख्यमंत्री बनने से रोक दिया. इसके बाद अब जयवर्धन सिंह के सामने सबसे बड़ी चुनौती ज्योतिरादित्य सिंधिया के रूप में नजर आ रही थी. इसी के चलते दोनों राजघराने लगातार आमने-सामने होते रहे. आखिरकार सिंधिया ने कांग्रेस से किनारा कर लिया. अब दोनों एक दूसरे के विपक्ष में होने की वजह से खुलकर राजनीतिक हमले कर रहे हैं.

Share:

Next Post

मदरसे के शिक्षक ने बालक के साथ बेरहमी से की पिटाई, FIR दर्ज

Tue Jul 11 , 2023
रतलाम (Ratlam)। रतलाम के एक मदरसे (A Madrasa of Ratlam) में एक विद्यार्थी की बेरहमी से पिटाई (brutally thrashed) करने के मामले में पुलिस ने शिक्षक हाफिज तोफिक खान (Teacher Hafiz Tofiq Khan) के विरूद्ध भादवि जुवेनाईल जस्टिस एक्ट में प्रकरण दर्ज किया है। रतलाम के एक मदरसे में सबक याद नहीं करने पर एत […]