नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) के उस फैसले पर (On that Decision) मुहर लगा दी (Stamped) जिसने के. पलानीस्वामी (K. Palaniswami) को एआईएडीएमके (AIADMK) के अंतरिम महासचिव के रूप में (As Interim General Secretary) जारी रखने (To Continue) की अनुमति दी थी (Permission had Given) ।
न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, हमने हाईकोर्ट की खंडपीठ के 2 सितंबर 2022 के आदेश को बरकरार रखा है और अपने पहले के अंतरिम आदेश को स्थायी कर दिया है। पीठ ने आगे कहा कि उसने पार्टी के समक्ष प्रस्तावों के मामले को नहीं निपटाया है जो एकल-न्यायाधीश द्वारा सुने जा रहे थे। पीठ ने आगे कहा कि हम इन प्रस्तावों को कानून के अनुसार निपटाए जाने के लिए खुला छोड़ देते हैं। हम यह नहीं चाहते कि पक्षकार के आवेदनों को अनुमति दी जाए।
एआईएडीएमके के नेतृत्व को लेकर लंबे समय से चली आ रही खींचतान में शीर्ष अदालत का फैसला प्रतिद्वंद्वी पार्टी के नेता ओ. पनीरसेल्वम (ओपीएस) के लिए एक झटका है। शीर्ष अदालत ने ओपीएस की चुनौती को खारिज कर दिया और ईपीएस को पार्टी के अंतरिम महासचिव के रूप में जारी रखने की अनुमति दी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछले साल 6 जुलाई को दिया गया उसका अंतरिम आदेश स्थायी किया जाएगा, जिसमें अन्नाद्रमुक उपनियमों में संशोधन पर रोक लगाने वाले हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई गई थी। विस्तृत आदेश बाद में दिन में अपलोड किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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