SC ने कहा-ट्रायल से पहले लंबे समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता, कंपनी के रीजनल मैनेजर को दी जमानत

नई दिल्ली (New Delhi)। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली (Delhi) के कथित शराब घोटाले (alleged liquor scam) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering cases) में शराब निर्माता कंपनी पेरनोड रिकार्ड (wine manufacturing company Pernod Ricard) के रीजनल मैनेजर बेनॉय बाबू (Regional Manager Benoy Babu) को शुक्रवार को जमानत दे दी। बेनॉय बाबू को जमानत देते हुए अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) (Enforcement Directorate (ED)) पर तीखी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा, “आप ट्रायल से पहले लोगों को लंबे समय तक सलाखों के पीछे नहीं रख सकते। यह ठीक नहीं है…”। आम आदमी पार्टी (आप) नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह पर भी इस मामले में शामिल होने का आरोप है।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्ट की बेंच ने माना कि इस मामले में सुनवाई शुरू नहीं हुई है और आरोप तय नहीं हुए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह देखते हुए उन्हें जमानत दे दी कि वह 13 महीने से सलाखों के पीछे हैं और यह भी कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इतने लंबे समय तक मुकदमे से पहले आरोपियों को हिरासत में नहीं रख सकता है।

जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, “… हम अब भी नहीं जानते कि यह कैसे होगा। सीबीआई जो आरोप लगा रही है और ईडी जो आरोप लगा रही है, उनके बीच विरोधाभास प्रतीत होता है।”

बता दें कि, इस मामले के सिलसिले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसने केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा और दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के बीच बड़े पैमाने पर राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है। इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह समेत ‘आप’ के दो वरिष्ठ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। मनीष सिसोदिया फरवरी से और संजय सिंह अक्टूबर से जेल में हैं।

गौरतलब है कि, सीबीआई ने 2021-22 की शराब नीति तैयार करने और इसके कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में उपराज्यपाल की सिफारिश पर एफआईआर दर्ज की थी। हालांकि, यह नीति अब रद्द की जा चुकी है।

Leave a Comment