टेक्‍नोलॉजी

Apple ने दिया चीन और साउथ कोरिया को झटका, भारत में बना नंबर 1

नई दिल्ली: एपल ने साउथ कोरिया और चीन को बड़ा झटका दिया है. जी हां, एपल ने जून तिमाही में भारत से शिपमेंट के मामले में साउथ कोरिया और चीन को को पीछे छोड़ दिया है और भारत में नंबर 1 कंपनी बन गई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एपल ने पहली बार भारत से स्मार्टफोन निर्यात के मामले में सैमसंग और चीनी ब्रांड की दूसरी कंपनियों को पीछे छोड़ा है. जून तिमाही में देश के कुल 12 मिलियन शिपमेंट में से 49 फीसदी की शिपिंग एपल ने की है. वहीं दक्षिण कोरियाई कंपनी सैमसंग की 45 फीसदी की शिपिंग हुई. वास्तव में एपल का भारत में मैन्युफैक्चरिंग की ग्रोथ में लगातार इजाफा देखने को मिला रहा है. जिसकी वजह से चीन के बाद दक्षिण कोरियाई देश की बड़ी कंपनियों में शुमार सैमसंग को बड़ा झटका है.

ऐसे बढ़ा एपल का एक्सपोर्ट
आंकड़ों से पता चला है कि एपल ने पिछले वर्ष एक्सपोर्ट वॉल्यूम में तेजी से वृद्धि दर्ज की है. उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 2022 की दूसरी तिमाही में भेजे गए लगभग 8 मिलियन स्मार्टफोन में से केवल 9 फीसदी से बढ़कर 2023 की दूसरी तिमाही में कुल स्मार्टफोन निर्यात का लगभग आधा हो गई. भारत ने इस साल मार्च तिमाही में लगभग 13 मिलियन स्मार्टफोन का निर्यात किया, जो 2023 की दूसरी तिमाही में गिरकर 12 मिलियन हो गया. ईटी द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, निर्यात Q1 2022 में 10 मिलियन स्मार्टफोन और Q2 2022 में 8 मिलियन रहा.

पीएलआई स्कीम से मिली मदद
विशेषज्ञों का कहना है है कि एपल का मार्केट प्रीमियम और सुपर प्रीमियम सेगमेंट का है. उसके बाद भी कंपनी 2023 की पहली छमाही में वैल्यू के मामले में भारत से सबसे ज्यादा स्मार्टफोन एक्सपोर्टर रही है. जोकि काफी चौंकाने वाली बात है. वहीं दूसरी ओर सैमसंग के पास सभी प्राइस बैंड के डिवाइस हैं. 2017 में देश में मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने के बाद से Apple का मजबूत प्रदर्शन उसके तीन कांट्रैक्ट मेकर्स – फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन – द्वारा 2022 की दूसरी छमाही से iPhone 14 और उससे नीचे के प्रोडक्शन किया. ये तीनों मेकर्स स्मार्टफोन निर्माण के लिए भारत सरकार की पीएलआई योजना का हिस्सा हैं. दूसरी ओर फॉक्सकॉन ने अपने चेन्नई प्लांट में आईफोन 15 बनाना शुरू कर दिया है, भारत में बन रहे फोन शुक्रवार से बिक्री के लिए उपलब्ध होने की उम्मीद है.


दूसरे ब्रांड की शिपमेंट में गिरावट
विशेषज्ञों ने कहा कि यह जियो पॉलिटिकल टेंशन के बीच, चीन पर अपनी निर्भरता कम कारने के लिए, Apple अब भारत को iPhones का एक्सपोर्ट बनाने की प्लानिंग कर रहा है. भारत से निर्यात करने वाले सैमसंग और दूसरे एंड्रॉइड स्मार्टफोन ब्रांडों के निर्यात में भारी गिरावट देखी गई है. उद्योग के अधिकारियों ने इसके लिए ग्लोबल डिमांड में गिरावट को जिम्मेदार ठहराया, जिसने विशेष रूप से एंड्रॉइड स्मार्टफोन ब्रांडों को प्रभावित किया है.

सैमसंग को बड़ा झटका
एक्सपोर्ट वॉल्यू में सैमसंग की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में 50 फीसदी से गिरकर दूसरी तिमाही में 45 फीसदी हो गई. ताज्जुब की बात तो ये है कि वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में सैमसंग की एक्सपोर्ट हिस्सेदारी 84 फीसदी पर थी और भारत के बाजार में सैमसंग का पूरा दबदबा बना हुआ था. उद्योग के अधिकारियों ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए कहा कि भारत में सैमसंग का कमजोर निर्यात प्रदर्शन वियतनाम के कंपनी के लिए एक बड़ा निर्यात केंद्र बनने से भी जुड़ा है. उत्तरी वियतनाम में कंपनी की फैक्ट्री ग्लोबल लेवल पर सबसे बड़ी स्मार्टफोन फैक्ट्री है.

ग्लोबल शिपमेंट में आ सकती है गिरावट
इस बीच, दूसरे एंड्रॉइड ब्रांडों जैसे शियाओमी, मोटोरोला, वीवो का निर्यात वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में 10 फीसदी से घटकर दूसरी तिमाही में 6 फीसदी रह गई है. मोटोरोला इंडिया के प्रवक्ता ने मीडिया में कहा कि 2023 की पहली तिमाही में ग्लोबल शिपमेंट में कमी के बावजूद, कंपनी ने पिछली तिमाही की तुलना में पहली तिमाही में 25 फीसदी की ग्रोथ के साथ 2023 में निर्यात में लगातार वृद्धि देखी है. मार्केट रिसर्चर काउंटरप्वाइंट रिसर्च ने भविष्यवाणी की है कि 2023 में ग्लोबल स्मार्टफोन शिपमेंट 6 फीसदी घटकर 1.15 बिलियन यूनिट रहने के आसार हैं.

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