खेल

Asia Cup 2022 : पहले मैच में आज अफगानिस्तान का श्रीलंका से होगा सामना

नई दिल्ली। एशिया कप 2022 (Asia Cup 2022) का आज (शनिवार) से आगाज होने जा रहा है। पहले मैच में अफगानिस्तान (Afghanistan) का सामना श्रीलंका (Sri Lanka) से होगा। श्रीलंका और अफगानिस्तान के बीच होने वाला यह मैच दुबई में खेला जाएगा। मुकाबले की शुरुआत भारतीय समयानुसार शाम 07:30 बजे से होगी। इस मैच को स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क और डिज्नी प्लस हॉटस्टार ऐप पर भी देखा जा सकता है।

अफगानिस्तान को अपनी पिछली टी-20 सीरीज (T20 Series) में आयरलैंड के खिलाफ शिकस्त मिली है। दूसरी तरफ श्रीलंका ने इस साल में 11 टी-20 अंतरराष्ट्रीय में से सिर्फ दो में जीत हासिल की है। दोनों टीमें शुरुआती मैच को जीतकर प्रतियोगिता का जीत से आगाज करना चाहेंगी।

श्रीलंका ने अब तक अफगानिस्तान के खिलाफ सिर्फ एक टी-20 मैच खेला है और उसमें जीत दर्ज की है। 2016 के टी-20 विश्व कप के दौरान श्रीलंका ने छह विकेट से जीत दर्ज की थी। अफगानिस्तान ने असगर अफगान के अर्धशतक (62) की बदौलत 153 रन बनाए थे। जवाब में श्रीलंका ने तिलकरत्ने दिलशान की 56 गेंदों में नाबाद 83 रनों की पारी खेलकर टीम को जीत दिला दी थी।


मोहम्मद नबी की कप्तानी में अफगानिस्तान की टीम मजबूत दिख रही है। टीम में राशिद खान और मुजीब उर रहमान जैसे बड़े नाम हैं, जो तमाम टी-20 लीग में खेलते हैं। अफगान टीम को हजरतुल्लाह जजई से अच्छी शुरुआत की उम्मीद होगी। वह विकेटकीपर गुरबाज के साथ पारी की शुरुआत करते हुए दिख सकते हैं।

संभावित एकादश: जजई, गुरबाज (विकेटकीपर), गनी, इब्राहिम, नजीबुल्लाह, नबी (कप्तान), ओमरजई, राशिद, नवीन-उल-हक, मुजीब और फरीद।

श्रीलंका को एशिया कप से ठीक पहले बड़ा झटका लगा है। मुख्य तेज गेंदबाज दुष्मंथा चमीरा चोट के कारण बाहर हो गए हैं। ऐसे में श्रीलंका की तेज गेंदबाजी कमजोर हुई है। हालांकि, श्रीलंका के पास वानिंदू हसरंगा और महीश तीक्षाना जैसे फिरकी गेंदबाज हैं, जो UAE की पिचों पर प्रभावी हो सकते हैं।

संभावित एकादश: निसानका, गुणथिलका, असलंका, मेंडिस (विकेटकीपर), राजपक्षे, शनाका (कप्तान), हसरंगा, करुणारत्ने, फर्नांडो, तीक्षाना और जयविक्रमा

Share:

Next Post

मानसिक गुलामी से मुक्ति की आवश्यकता

Sat Aug 27 , 2022
– गिरीश्वर मिश्र अमृत-महोत्सव के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने गुलामी की मानसिकता से मुक्त होने का आह्वान किया है । यह इसका स्मरण दिलाता है कि देश की आजादी अधूरी है। हम आज भी मानसिक रूप से पूरी तरह से स्वाधीन नहीं हो सके हैं। पराधीनता के बंधन में दास स्वामी की दृष्टि से स्वयं […]