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योगी के इशारे पर 20 साल तक दनादन फैसले करती गईं NSE की पूर्व एमडी, SEBI ऑर्डर में हुआ खुलासा

नई दिल्ली। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ( National Stock Exchange) के संस्थापक सदस्यों में से एक और एनएसई (NSE) की पूर्व एमडी व सीईओ चित्रा रामकृष्णा (Chitra Ramkrishna) काफी सुर्खियों में हैं। रामकृष्ण कई वर्षों से अपने महत्वपूर्ण कारोबारी फैसलों में एक बाबा से सलाह ले रही थीं। एक ऐसा बाबा (योगी), जो हिमालय में रहता था और तीन वेदों के नाम वाली एक मेल आईडी का इस्तेमाल करता था। योगी’ के कहने पर चित्रा रामकृष्णा ने आनन्द सुब्रमण्यम (Anand Subramanian) की नियुक्ति एक्सचेंज के ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर और एमडी एक एडवाइजर के रूप में की। शुक्रवार को SEBI द्वारा पास किए गए ऑर्डर में ये बातें सामने आईं।

यह बाबा मेल पर रामकृष्ण को निर्देश देता था और फैसले हो जाते थे। खास बात यह है कि रामकृष्ण इस योगी से कभी मिली ही नहीं, लेकिन वह करीब 20 वर्षों से इस योगी से मेल पर बातचीत कर रही थीं। SEBI के आदेश में कहा गया है कि रामकृष्णा ने सुब्रमण्यम को कई बार मनमाने तरीके से Salary Hike दी जबकि उनके परफॉर्मेंस के मूल्यांकन का कोई सबूत मौजूद नहीं है। रेगुलेटर ने रामकृष्ण और अन्य के खिलाफ ऑर्डर पास किया है। ऑर्डर में कहा गया है कि रामकृष्ण ने NSE के कुछ फाइनेंशियल और बिजनेस प्लान, डिविडेंड से जुड़ी बातें, फाइनेंशियल रिजल्ट्स और कुछ अन्य गोपनीय सूचनाएं योगी के साथ शेयर कीं। इतना ही नहीं NSE के कर्मचारियों के अप्रेजल को लेकर भी उन्होंने योगी से विचार-विमर्श किए।


योगी को रामकृष्णा “Sironmani” के रूप में रेफर करती हैं और पिछले 20 साल से हर तरह के पर्सनल और प्रोफेशल मामले पर उनकी राय के आधार पर फैसले लेती रही हैं। रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 के बीच NSE की मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ रही थीं। सेबी ने अपने 190 पेज के ऑर्डर में कहा है कि रामकृष्णा ने योगी के कहने पर सुब्रमण्यम की नियुक्ति की। इस वजह से ही सुब्रमण्यम को काफी अधिक अधिकार दिए गए थे। सुब्रमण्यम को NSE में अप्रैल 2013 में चीफ स्ट्रेटेजी एडवाइजर के तौर पर ज्वाइन करने का ऑफर मिला था। उन्हें 1.68 करोड़ का सालाना पैकेज ऑफर किया गया था।

इससे पहले वह Balmer and Lawrie में मिडिल लेवल मैनेजमेंट में काम कर रहे थे और मार्च 2013 में उनका सालाना पैकेज 15 लाख रुपये से भी कम था। इसके अलावा उन्हें कैपिटल मार्केट का कोई एक्सपीरियंस नहीं था। अप्रैल, 2014 में उनका सालाना पैकेज 1.68 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.01 करोड़ रुपये कर दिया गया। अप्रैल, 2015 में उनका सालाना पैकेज बढ़ाकर 3.33 करोड़ रुपये कर दिया गया. इसके साथ-साथ उन्हें ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (GOO) और एमडी का एडवाइजर नियुक्त किया गया। 2016 में उनका पैकेज बढ़कर 4.21 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। गवर्नेंस में खामी को लेकर सेबी ने रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

इसके साथ ही NSE, सुब्रमण्यम और NSE के अन्य पूर्व एमडी एवं सीईओ रवि नारायण पर दो-दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। इसके अलावा तत्कालीन चीफ रेगुलेटरी ऑफिसर एवं कम्पलाइंस ऑफिसर वी. आर. नरसिम्हन पर 6 लाख रुपये का जुर्मान लगाया गया है। आपको बता दे की रामकृष्णा और सुब्रमण्यम किसी भी मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टीच्युशन या सेबी के साथ रजिस्टर्ड किसी भी इंटरमीडियटरी के साथ तीन साल तक एसोसिएट नहीं हो सकते हैं। नारायण पर इस संबंध में दो साल की पाबंदी लगाई गई है।

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