इंदौर न्यूज़ (Indore News)

आरटीओ में ऑटोमेटेड सिस्टम से ड्राइविंग टेस्ट बंद, पुराने ढर्रे पर ही अब अधिकारी करेंगे पास-फेल का फैसला

  • कल ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस बनवाने वाले आवेदक पहुंचे परमानेंट लाइसेंस बनवाने, तब मिली जानकारी
  • ध्वस्त हुई प्रदेश की सबसे बेहतर व्यवस्था, अब न कैमरों से रिकार्डिंग होगी न सिस्टम पास या फेल करेगा

इंदौर, विकाससिंह राठौर। इंदौर आरटीओ (Indore RTO) में करीब चार साल पहले लागू हुई प्रदेश की पहली ऑटोमेटेड टेस्टिंग ट्रैक (Automated Testing Track) पर ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट (Driving License Test) की व्यवस्था बंद हो गई है। अब पुराने ढर्रे की तरह एक बार फिर अधिकारी ही आवेदक का मैन्युअल टेस्ट (Manual test) लेंगे और उसके पास या फेल होने का फैसला करेंगे।
ऑटोमेटेड (Automated System) व्यवस्था के बंद होने का खुलासा कल पहली बार तब हुआ, जब 1 अगस्त से लागू हुई ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस व्यवस्था (Online Learning License System) के तहत लर्निंग लाइसेंस बनवाने वाले पहले दो आवेदक पक्के लाइसेंस के लिए आरटीओ (RTO) पहुंचे। इनके पहुंचने पर स्मार्ट चिप कंपनी ( Smart Chip Company) ने मौजूदा सिस्टम से ट्रायल लेने में असमर्थता जताई, क्योंकि कंपनी अपने सॉफ्टवेयर के आधार पर बने लर्निंग लाइसेंस के आवेदकों का ही परमानेंट लाइसेंस के लिए ट्रैक पर टेस्ट ले सकती है, जबकि इन आवेदकों का लाइसेंस सेंट्रल सर्वर सारथी (License Central Server Sarathi) के माध्यम से बना था। इस पर दोनों आवेदक एआरटीओ अर्चना मिश्रा (ARTO Archana Mishra) के पास पहुंचे। उन्होंने उच्चाधिकारियों से बात करते हुए जानकारी ली। इसके बाद बताया गया कि टेस्ट से पहले बाबू आवेदक का फोटो खींचेंगे और उसके बाद अधिकारी आवेदक का टेस्ट लेंगे। इस पर अधिकारियों ने टेस्ट जरूर लिया, लेकिन इसकी न तो रिकॉर्डिंग हो सकी न ही इसे सिस्टम ने जांचा। अधिकारी ने ही अपनी रिपोर्ट आरटीओ को भेजी, जिसमें पास होने की जानकारी थी। इसी आधार पर आरटीओ ने दोनों के पास होने की इंट्री सिस्टम में डाली।


शाम तक लाइसेंस के लिए इंतजार
आरटीओ (RTO) में इस व्यवस्था के तहत पहले तो अधिकारी कुछ समझ ही नहीं पाए। बाद में इस व्यवस्था से जब लाइसेंस बनाया गया तो लाइसेंस प्राप्त करने के लिए सुबह से आए आवेदक शाम तक आरटीओ में ही बैठे रहे। एआरटीओ मिश्रा का कहना है कि इस सिस्टम को पुराने सिस्टम से जोडऩे के लिए मुख्यालय से बात की जा रही है।

फिर शुरू हो सकता है फर्जीवाड़ा
ऑटोमेटेड ट्रैक पर लाइसेंस बनने से सेटिंग से बनने वाले लाइसेंस का फर्जीवाड़ा पूरी तरह से बंद हो गया था और वे ही आवेदक लाइसेंस प्राप्त कर पा रहे थे, जो वास्तव में टेस्ट पास कर रहे थे। लेकिन अब एक बार फिर पहले की तरह अधिकारी की रिपोर्ट पर लाइसेंस में पास या फेल होगा, जिससे एक बार फिर फर्जीवाड़ा शुरू होने की संभावना बढ़ गई है।

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