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नूंह में बुलडोजर एक्शन पर रोक, हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर जारी किया आदेश

चंडीगढ़। हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को हुई हिंसा के बाद अवैध निर्माण के खिलाफ जारी बुजडोजर एक्शन पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया है। नूंह में 31 जुलाई को ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हिंसा हुई थी, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी। सरकार की ओर से कार्रवाई करते हुए नूंह में लगातार हिंसा में शामिल आरोपियों के निर्माण और दुकानों को गिराया जा रहा था।

आरोप है कि यहां कई अवैध निर्माण थे और उन होटल को अवैध तरीके से बनाया गया था जहां से दंगाई पथराव कर रहे थे। हरियाणा पुलिस ऐसी सभी इमारतों की पहचान कर रही है जहां से पत्थर फेंके गए थे। उपमंडलीय मजिस्ट्रेट अश्विनी कुमार ने बताया कि जिन निर्माणों को तोड़ा गया, वे ढांचे अवैध रूप से निर्मित थे और इनका इस्तेमाल ‘‘गुंडों’’ ने हाल में हिंसा के दौरान पथराव के लिए किया था। इससे पहले, जिला प्रशासन ने शनिवार को नलहड़ मेडिकल कॉलेज के आसपास की 2.6 एकड़ जमीन सहित 12 अलग-अलग स्थानों पर अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया था।


नूंह में सांप्रदायिक झड़पों के बाद अधिकारियों ने लगातार चौथे दिन भी बुलडोजर अभियान चलाया था। इस दौरान एक तीन मंजिला होटल को भी गिरा दिया गया। इस होटल की छत से शोभायात्रा पर पथराव हुआ था। जानकारी के मुताबिक अब तक 162 अवैध रूप से बनाए गए स्थाई और 591 अस्थाई ढांतों को अब तक गिराया गया है। 37 जगहों पर 57.5 एकड़ जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त किया गया है। जिला प्रशासन ने शनिवार को नलहर मेडिकल कॉलेज के आसपास की 2.6 एकड़ जमीन समेत 12 अलग-अलग स्थानों पर अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया।

बता दें नूंह के बाद हरियाणा के गुरुग्राम, सोहना और आसपास के इलाकों में हिंसा फैल गई थी। जिसके बाद कई धार्मिक स्थलों पर हमले, पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई थीं। पुलिस इस मामले में अब तक 56 एफआईआर दर्ज कर चुकी है। वहीं 147 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कई इलाकों में अब भी इंटरनेट बंद है। हालांकि लोगों को एटीएम जाने की इजाजत दी गई है। जिन इलाकों में हिंसा हुई थी वहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।

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