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होली से पहले आदिवासियों के रंग में रंगे CM शिवराज, भगोरिया राजकीय पर्व घोषित

भोपाल: मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचलों में भगोरिया महापर्व की धूम है, लेकिन अब भगोरिया की खुशी दोगुनी हो गई है. खास बात ये है कि अब मध्यप्रदेश में भगोरिया राजकीय पर्व बन गया है. खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी घोषणा की साथ ही भगोरिया को सांस्कृतिक धरोहर भी माना जाएगा.

सीएम शिवराज सिंह चौहान अलीराजपुर दौरे पर पहुंचे थे. यहां उन्होंने भगोरिया उत्सव का मान बढ़ाने के साथ ही इलाके के लोगों को ढ़ेरों सौगात दीं. सीएम ने कहा कि भगोरिया हमारी जनजातीय आदिवासी परंपरा का अभिन्न अंग और लोक पर्व है. यह परंपरा बनी रहे यह लोक कला बनी रहे, यह आनंद और मस्ती बनी रहे. इसलिए सरकार अब पर्व को मनाने के इंतजाम करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी. यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि जनता को पर्व मनाने में कोई दिक्कत ना आए.

भगोरिया उत्सव में सीएम ने दिए कई तोहफे
भगोरिया उत्सव के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भगोरिया को राजकीय पर्व और सांस्कृतिक धरोहर घोषित करने के साथ ही सेंधवा जिले के 106 गांवों में पानी लाने के लिए सर्वे कराने की बात भी कही. उन्होंने कहा लिफ्ट इरिगेशन योजना बनी है, जिससे कई इलाकों को लाभ मिल रहा है और जो गांव रह गए हैं वहां पानी लाने का काम किया जाएगा. अलीराजपुर के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरी तरह से आदिवासी अंचल के रंग में रंगे नजर आए. सीएम ने खास आदिवासी वेशभूषा भी पहनी.


आदिवासी संस्कृति का अभिन्न पर्व है भगोरिया
भगोरिया आदिवासी लोक संस्कृति का प्रमुख पर्व है. इस पर्व के दौरान आदिवासी इलाकों में भगोरिया हाट/ मेले लगना शुरू हो जाते हैं. इसमें आदिवासी संस्कृति और आधुनिक जीवन का गजब तालमेल देखने मिलता है. भगोरिया उत्सव की शुरूआत होली के त्यौहार के एक हफ्ते पहले हो जाती है. युवा एक-दूसरे से मिलते-जुलते और खुशियां मनाते हैं. अपना जीवन साथी चुनते हैं. व्यापार-व्यवसाय भी होता है. लोक उत्सव भगोरिया में लोग जमकर पारंपरिक संगीत, नृत्य का आनंद लेते हैं. इस दौरान मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाकों में कई मेले लगते हैं. इनमें हजारों की संख्या में नौजवान युवक-युवतियां सज-संवरकर पारंपरिक वस्त्रों में इन मेलों में शिरकत करते हैं.

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