भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

बेगम्स ऑफ भोपाल: पुरानी रिवायत के ज़रिए महिलाओं को आगे लाने की कोशिश

उन्नीस वीं सदी में भोपाल रियासत की बेगमों के जलवों से कौन वाकिफ नहीं। 1819 से 1930 तक भोपाल में चार बेगमों राज किया। नवाब कुदसिया बेगम,सिकंदर जहां बेगम, शाहजहां बेगम और सुल्तान जहां बेगम ने 111 बरस तक भोपाल रियासत को जलवाअफऱोज़ किया। सन 1880 में नवाब शाहजहां बेगम ने ईदगाह हिल की तलहटी में परी बाज़ार की नींव रखी थी। वो शायरा भी थीं और परवीन तखल्लुस करती थीं। लिहाज़ा परी बाज़ार को तब परवीन मंजि़ल कहा जाता था। उस वक्त परी बाज़ार में सिर्फ ओरतों को दुकान लगाने की इजाज़त थी। कोई मर्द परी बाजार में दाखिल नहीं हो सकता था। बेगम के इंतकाल के बाद उनकी बेटी नवाब सुल्तान जहां बेगम ने परी बाजार को और भी वसी किया। बेगम की मंशा थी कि इस बाजार में रियासत की ओरतों को अपने बनाये प्रोडक्ट बेचने की जगह दी जाए। वहां जऱी जऱदोज़ी, बटुए, ख़्वानपोश, कारचोब के काम की चीजें बेची जाती थीं। रियासती दौर खत्म हुआ तो परी बाज़ार का वजूद भी खत्म हो गया। नवाबी दौर की उस रिवायत को फिर से जिंदा करने की कोशिश भोपाल की कुछ खवातीन (महिलाओं) ने की है। इसे बेगम्स ऑफ भोपाल द लेडीज़ क्लब नाम दिया गया है। इस कलब की प्रेसिडेंट रख्शां ज़ाहिद के मुताबिक सुल्तान जहां बेगम के दौर में उस पुराने लेडीज़ क्लब को द प्रिंस ऑफ वेल्स क्लब कहा जाता था।


परी बाज़ार के पीछे फंडा ये था के औरतों को माली तौर पे। मजबूती दी जाए। आज का बेगम्स ऑफ भोपाल लेडीज़ क्लब भी उसी तसव्वुर को आगे बढ़ाने की कोशिश है। रख्शां के मुताबिक बेगम्स ऑफ भोपाल की जानिब से गुजऱे बरस हमने दो लेडीज़ मेले लगाए थे। इसे कमला पार्क में रखा गया था। इस बार भी दिसम्बर में ये मेला कमला पार्क में होगा। इसमे भोपाल की गंगा जमुनी तहजीब का पूरा एहतमाम किया जाता है। स्वसहायता समूह की महिलाओं के अलावा भोपाल की कमज़ोर तबके की महिलाओं को फ्री ऑफ कास्ट स्टाल मुहैया किये जाते हैं। इस बार फैशन इंस्टीट्यूट के तालिबे इल्म को बेगम्स ऑफ भोपाल में परफार्म करने का मौका दिया जाएगा। यहां भोपाल के पुराने लाख की चूडिय़ों के काम , जऱी जऱदोज़ी के अलावा नवाबी दौर की तुर्की कुर्ती, गरारे भी पेश किए जाएंगे। इसके अलावा यहां पटीएबाज़ी, बैंतबाज़ी, दास्तानगोई, सूफियाना क़व्वाली और मुशायरा भी मुनक्क़ीद किया जाएगा। बेगम्स ऑफ भोपाल द लेडीज़ क्लब में रख्शां ज़ाहिद प्रेसीडेंट, बीनू धीर वाइस प्रेसीडेंट, यास्मीन अलीम सचिव, सहबा फरहत ट्रेजरार और शीबा परवेज़, रुकसाना मोहसिन तमसीन खान एक्सिक्यूटिव मेम्बर हैं। इनका कहना है कि हमारे आयोजन में सिर्फ शाकाहारी खाने के स्टाल ही लगाए जाते हैं। भोत उम्दा साब…भोपाली तहज़ीब और रिवायत को महफूज़ रखने की ये कोशिश जारी रहनी चाहिए।

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