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ईसाई बने थे बिरसा मुंडा, हकीकत जान वापस लौटे और आदिवासियों के लिए संघर्ष किया

मंगलवार। देशभर में आज बिरसा मुंडा की 147वीं जयंती मनाई जा रही है। मध्यप्रदेश में अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। 15 नवंबर 1875 को झारखंड के उलिहातू गांव में जन्मे बिरसा मुंडा ने ईसाई धर्म अपनाकर अपना नाम बिरसा डेविड रख लिया था, लेकिन बाद में उन्हें लगा कि धर्म परिवर्तन करने वाले कहते कुछ और करते कुछ हैं तो ईसाई धर्म छोड़ दिया और वापस आदिवासी समुदाय मेें लौटे और बिरसा मुंडा बन गए। 22 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया।

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