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Birthday Special: हजारों करोड़ के महल में रहते हैं ज्योतिरादित्य, जानिए जयविलास की खासियत

ग्वालियर। वैसे तो भारतदेश हमेशा से राजाओं और महाराजाओं (kings and maharajas) का देश रहा है, यही वजह रही कि इस देश में एक से बढ़कर राजाओं ने राज किया, जिनकी आज के समय में इतनी अकूत संपत्ति करोड़ोंं में नहीं बल्कि अरबों में है। इन्हीं राजाओं में से एक थे जयाजीराव सिंधिया, जो ग्वालियर रियासत के महाराजा थे। उन्होंने एतिहासिक जयविलास महल (Historic Jaivilas Palace) बनवाया था। आज इसी महल में केंद्रीय मंत्री रह चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) रहते हैं। वह ग्वालियर रियासत के अंतिम महाराजा जीवाजीराव सिंधिया के पोते हैं।
वैसे भी मध्य प्रदेश देश का एक खूबसूरत राज्य है जो सांस्कृतिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक रूप में भारत के लिए काफी महत्व रखता है। यहां मौजूद प्राचीन धरोहर, मंदिर, और खूबसूरत झील और झरने इस राज्य को पर्यटन के लिए शानदार और एडवेंचर बनाती है। देश के ही नहीं बल्कि दुनिया भर के सैलानी मध्य प्रदेश की खूबसूरती देखने आते हैं। इसलिए इस प्रदेश को देश का दिल भी कहा जाता है।



बता दें कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम कौन नहीं जानता सभी को मालूम है। उन्होंने भी अपने पिता माधवराव सिंधिया के नक्शे-कदम पर चलते हुए राजनीति में अलग मुकाम हासिल किया। कांग्रेस से सियासत शुरू करने वाले ज्योतिरादित्य बीजेपी में शामिल होकर मंत्री बन गए। 1 जनवरी को उनका जन्मदिन है। ज्योतिरादित्य सिंधिया का जन्म 1 जनवरी 1971 को मुंबई में हुआ था। उन्होंने विदेश से पढ़ाई की. उनकी शादी बड़ौदा के राजपरिवार की प्रियदर्शनी राजे के साथ हुई। केंद्रीय मंत्री का एक बेटा महाआर्यमन और एक बेटी है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर में 4 हजार करोड़ रुपये की कीमत के जयविलास पैलेस में रहते हैं।

यहां सिंधिया अपनी पत्नी प्रियदर्शनी, बेटे महान आर्यमन और बेटी के साथ रहते हैं। सिंधिया राजवंश के शासक जयाजी राव सिंधिया ने सन 1874 में जय विलास महल बनवाया था। फ्रांसीसी आर्किटेक्ट सर माइकल फिलोस ने इस महल को डिजाइन किया था। 12 लाख 40 हजार 771 वर्ग फीट में फैले जयविलास में चार सौ कमरे हैं। 146 पहले सन 1874 में जयविलास के निर्माण में एक करोड़ रुपए खर्च हुआ था। विदेशी कारीगरों की मदद से जय विलास महल को बनाने में 12 साल का समय लगा था। जयविलास पैलेस में साल 1964 में म्यूजियम शुरू हुआ।


दुनिया का सबसे वजनी झूमर
दूसरी मंजिल पर बना दरबार हॉल जयविलास महल की शान कहा जाता है। हॉल की दीवारों और छत को पूरी तरह सोने-हीरे-जवाहरात से सजाया गया था। इस पर दुनिया का सबसे ज्यादा वजनी झूमर लगाया गया है। साढ़े तीन हजार किलो के झूमर को लटकाने से पहले कारीगरों ने छत की मजबूती को परखा। इसके लिए छत के ऊपर नौ से दस हाथियों को खड़ा किया था। 10 दिन तक छत पर हाथी चहलकदमी करते रहे. जब छत मजबूत होने का भरोसा हो गया, तब फ्रांस के कारीगरों ने इस झूमर को छत पर लटकाया।

शाही परिवार का भोजन परासेती है चांदी की ट्रेन
इस महल में नीचे बने डायनिंग हॉल में शाही परिवार का भोज होता था, यहां बड़ी डायनिंग टेबल लगी हुई है। इसके आसपास एक वक्त में पचास से ज्यादा लोग शाही भोजन करते थे। खास बात ये है कि भोजन के दौरान परोसने के लिए किसी कर्मचारी की जरूरत नहीं पड़ी. चांदी की ट्रेन से मेहमानों को खाना परोसा जाता था।

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