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लोकसभा चुनाव में नए कलेवर के साथ उतरने के मूड में बीजेपी, यह है पार्टी का 7 प्वॉइंट फॉर्मूला

नई दिल्‍ली (New Delhi) । लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में उम्मीदवार (Candidate) कौन बनेगा? इसे तय करने के लिए गुरुवार को दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय (BJP Headquarters) में केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक हुई. इस बैठक में 17 राज्यों की लोकसभा सीटों पर देर रात लगभग चार घंटे तक मंथन हुआ.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसके अलावा बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और तमाम बड़े नेता मौजूद थे.

बताया जा रहा है कि इस बैठक में एनडीए की सहयोगी पार्टियों के साथ सीट बंटवारे पर भी चर्चा हुई. इस चार घंटे की बैठक में क्या निकलकर आया, ये अब तक तो साफ नहीं हुआ है. लेकिन इतना माना जा रहा है कि एक या दो दिन में बीजेपी की पहली लिस्ट आ सकती है.

क्या कट सकते हैं टिकट?
इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी नए कलेवर के साथ उतरने के मूड में है. ज्यादातर सांसदों-मंत्रियों का टिकट कट सकता है. लेकिन ऐसे कयास क्यों, इसे चार खबरें पुख्ता करती हैं.


पहली खबर है कि इस बार 60 से 70 सांसदों का टिकट कट सकता है. दूसरी खबर है कि यूपी-बिहार समेत कई राज्यों से आने वाले कुछ मंत्रियों के टिकट भी कट सकते हैं. तीसरी खबर है कि तीन मार्च को आखिरी कैबिनेट बैठक के बाद मंत्रियों के टिकट कटने की खबर आ सकती है. चौथी खबर है कि लगातार दो बार जीत चुके और उम्रदराज हो चुके सांसदों को बाहर कर नए चेहरे उम्मीदवार बनाए जा सकते हैं.

हालांकि, 2019 में भी टिकट बांटने का पीएम मोदी का यही फॉर्मूला था. इसे ऐसे समझिए कि 2019 में 99 ऐसे सांसद थे, जो लगातार दो बार जीत चुके थे. 2019 में इन 99 सांसदों में से 44 का टिकट कट गया था.

आज यानी 2024 में बीजेपी के 149 ऐसे सांसद हैं, जो दो लगातार बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं. माना जा रहा है कि इन्हीं 149 में से 60 से 70 सांसदों का टिकट काटा जा सकता है.

मोदी का 7-प्वॉइंट फॉर्मूला
ऐसा नहीं है कि बीजेपी ऐसे ही हवाबाजी में इन सांसदों के टिकट काटती रही है या काटेगी. इसके लिए बकायदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 7-प्वॉइंट फॉर्मूला है.

1. नमो ऐप पर जनता से फीडबैक लिया गया.
2. जनता से अपने-अपने क्षेत्र के तीन सबसे लोकप्रिय बीजेपी नेताओं के नाम पूछे गए.
3. पिछले दो सालों से बीजेपी सांसदों से लगातार उनके काम के बारे में रिपोर्ट मांगी गई.
4. सर्वेक्षण करने वाली एजेंसियों से हर संसदीय क्षेत्र की रिपोर्ट ली गई.
5. बीजेपी शासित राज्यों में हर संसदीय क्षेत्र में मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गई और फिर उनसे रिपोर्ट ली गई.
6. राज्य की चुनाव समिति से रिपोर्ट मांगी गई.
7. प्रदेश संगठन और आरएसएस से जमीनी फीडबैक लिया गया.

कौन पार कराएगा 370 का लक्ष्य?
बताया जा रहा है कि इन सात चरणों के बाद बीजेपी अपने उम्मीदवारों को तय करेगी. इस फिल्ट्रेशन के बाद तय हुआ है कि इस बार जिताऊ कौन है? टिकाऊ कौन है? और कौन बीजेपी के 370 वाले लक्ष्य को पूरा करने में बाधक है?

टिकट इसलिए भी काटा जा रहा है, क्योंकि सीएसडीएस का आंकड़ा बताता है कि 2019 में 37 फीसदी वोटर ने ही उम्मीदवार का चेहरा देखकर वोट दिया, बाकी पार्टी देखकर वोट देते हैं. ऐसे में जहां पर नाराजगी की जरा सी भी गुंजाइश है, वहीं पर टिकट कट रहा है.

चौंका सकती है पहली लिस्ट!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस लोकसभा चुनाव में एनडीए को 400 पार और बीजेपी को 370 से ज्यादा सीटें जिताने का लक्ष्य रखा है. खुद पीएम मोदी इसकी कमान संभाले हुए हैं.

माना जा रहा है कि बीजेपी की पहली लिस्ट चौंका सकती है. कई सांसदों के टिकट कट सकते हैं. जिनकी उम्र ज्यादा हो गई है, उनकी जगह नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है. इतना ही नहीं, जो दो या दो से ज्यादा बार चुनाव जीत चुके हैं, उनको भी इस बार आउट किया जा सकता है.

इस बार ज्यादातर सांसदों के टिकट कटने की संभावना इसलिए भी है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि हर सीट पर ‘कमल’ चुनाव लड़ रहा है.

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