नई दिल्ली (New Delhi) । भारतीय जनता पार्टी (BJP) केंद्रीय नेतृत्व ने साल के आखिर में विधानसभा चुनाव (assembly elections) में जाने वाले राज्यों में उम्मीदवारों (candidates) को लेकर मंथन शुरू कर दिया है। पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (central election committee) ने इस तरह की बुधवार को पहली बैठक में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की सीटों व संभावित उम्मीदवारों को लेकर मंथन किया है। दोनों राज्यों की सीटों को चार श्रेणियों में रखा गया है और उसके हिसाब से उनकी रणनीति बनाई जा रही है।
यह पहला मौका है कि भाजपा ने किसी विधानसभा चुनाव से तीन महीने पहले ही उम्मीदवारों को लेकर केंद्रीय स्तर पर मंथन शुरू किया है। बुधवार को भाजपा मुख्यालय में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में केंद्रीय चुनाव समिति ने छत्तीसगढ़ तथा मध्य प्रदेश के प्रमुख नेताओं के साथ सीटों की स्थिति, श्रेणी और संभावित उम्मीदवार को लेकर जानकारी ली। दोनों राज्य अपने यहां की सभी सीटों की जानकारी लेकर आए थे।
सबसे पहले छत्तीसगढ़ के नेताओं के साथ बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार, इसमें बी, सी और डी श्रेणी की 27 सीटों को लेकर चर्चा की गई। बी श्रेणी यानी वे सीटें जिन पर जीत-हार होती रहती है। सी श्रेणी में वे सीटें रखी गई हैं, जो लगातार दो बार हारे हैं। छत्तीसगढ़ में भाजपा की इन दो बी और सी श्रेणी में 22 सीटें हैं। डी श्रेणी यानी जिन पर कभी नहीं जीते, ऐसी सीटें पांच हैं। राज्य नेतृत्व ने इस सीटों की मौजूदा राजनीतिक स्थिति, पार्टी की तैयारी, विपक्षी स्थिति और संभावित उम्मीदवारों के पैनल भी केंद्रीय नेतृत्व के सामने रखे। गौरतलब है कि ए श्रेणी में वे सीटें आती हैं जिनको पार्टी अक्सर जीतती रही है। ऐसी सीटों के बारे में बाद में चर्चा की जाएगी।
दोनों राज्यों के प्रमुख नेता रहे शामिल
दरअसल, भाजपा की पूरी रणनीति उन सीटों को हासिल करने की बन रही है, जो उसकी कमजोर है। लोकसभा के लिए ऐसी सीटों की तैयारी एक साल पहले ही शुरू हो चुकी है। अब वह विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में भी इसी फॉर्मूले को लागू कर रही है। छत्तीसगढ़ की बैठक में राज्य के प्रमुख नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी नितिन नवीन आदि शामिल हुए। मध्य प्रदेश की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय आदि शामिल रहे।