इंदौर न्यूज़ (Indore News)

48 कांग्रेसी सीटों पर रहेगा भाजपा का फोकस

  • संगठन की बैठक में 48 सीटों पर प्रमुख नेताओं से बात की बड़े नेताओं ने, मालवा और निमाड़ की सीटों पर भी अभी से तैयारी

इंदौर, संजीव मालवीय। मिशन 2023 को लेकर की जा रही तैयारियों के बीच भाजपा अब उन सीटों पर फोकस करेगी, जिन्हें जीतने में सबसे ज्यादा मुश्किल है। ये सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा चुनाव जीत सकती है। ऐसी 48 सीटें चिन्हित की गई है, जिनके लिए कल 48 प्रमुख नेताओं से बात की गई है। हालांकि अभी विस्तृत कार्ययोजना नहीं दी गई है, लेकिन माना जा रहा है कि इन नेताओं को इन सीटों पर अभी से तैयारी करवाई जाएगी।

कल भोपाल में भाजपा के प्रदेश संगठन की अलग-अलग महत्वपूर्ण बैठकें रखी गई थीं, जिसमें राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, सहप्रभारी पंकजा मुंडे, महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद के साथ-साथ मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी शामिल हुए। दोपहर में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें 40 प्रमुख नेताओं को अलग से बुलाया गया और उन्हें प्रदेश प्रभारी राव, सहप्रभारी मुंडे, वीडी शर्मा और मुख्यमंत्री के साथ-साथ प्रदेश महामंत्री हितानंद ने संबोधित किया। इन नेताओं में मंत्री कमल पटेल, हेमंत खंडेलवाल, गोपीकृष्ण नेमा, सुभाष कोठारी, विनोद शर्मा और संभाग के अन्य भाजपा नेता सहित प्रदेश के कद्दावर नेता शामिल थे।


दरअसल इस बैठक में 48 कांग्रेसी सीटों पर चर्चा हुई, जहां भाजपा हारती आई है और उसका यहां जीतना मुश्किल होता है। इन सीटों की जवाबदारी इन नेताओं को दी जा सकती है। अभी इन नेताओं को किसी प्रकार का कोई काम नहीं दिया गया है, लेकिन बताया जा रहा है कि इन्हें उस विधानसभा के चुनावी समीकरण, जातिगत और सामाजिक समीकरण, गुण-दोष तथा वर्तमान विधायक के कामकाज को लेकर सर्वे की तरह एक रिपोर्ट तैयार करना है और उस रिपोर्ट के आधार पर फिर अपना काम करना है। जल्द ही इन नेताओं की दूसरी बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें विस्तृत कार्ययोजना बताई जाएगी। फिलहाल मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस की 96 सीटें हैं, जिसमें से पहले चरण में 48 सीटों पर भाजपा अपनी चुनावी बिछात बिछाने जा रही है।

इंदौर के दोनों अध्यक्षों को बनना है विधायक, नियम बना तो देना होगा इस्तीफा
विजयवर्गीय की प्रदेश स्तरीय बैठक में सलाह के बाद कई जिलाध्यक्षों के समीकरण गड़बड़ाएंगे, गौरव और सोनकर दोनों ही विधायक बनने के फेर में भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा कल प्रदेश संगठन की बैठक में जिलाध्यक्षों को विधानसभा चुनाव नहीं लडऩे की सलाह ने कई जिलाध्यक्षों की नींद उड़ा दी है। यहां तक कि इंदौर के नगर और ग्रामीण क्षेत्र के अध्यक्ष भी विधायक बनने के चक्कर में हैं। अगर विजयवर्गीय की यह सलाह नियम बन गई तो इन्हें इस्तीफा देना पड़ेगा। शहर अध्यक्ष गौरव रणदिवे राऊ विधानसभा से चुनाव लडऩा चाहते हैं, लेकिन उनकी निगाह पांच नंबर पर भी हैं और उन्होंने यहां के स्थानीय नेताओं को तवज्जो देना भी शुरू कर दिया है। पिछले 20 सालों में कैलाश शर्मा जैसे अपवाद छोड़ दिए जाए तो भाजपा का जो भी अध्यक्ष रहा है, वह विधायक बना है। गौरव को अगर विधायक बनना है तो उन्हें अध्यक्ष की सीट छोडऩा पड़ेगी। जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर ने अपने पत्ते तो नहीं खोले हंै, लेकिन वे भी भाजपा की किसी सुरक्षित सीट से चुनाव लडक़र फिर से एक बार विधायक बनना चाहते हैं।

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