देश राजनीति

भाजपा का नया पैंतरा अखिलेश पर पड़ेगा भारी, BJP ने MP से नापा UP-बिहार का मैदान

नई दिल्‍ली (New Dehli)। भारतीय जनता पार्टी(Bharatiya Janata Party) ने मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री (Higher Education Minister)रहे मोहन यादव को मुख्यमंत्री (Chief Minister)बनाकर यूपी और बिहार में मिशन-2024 के लिए बड़ा दांव (big bet)खेल दिया है। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में 15 वर्ष बाद गैर-यादव-गैर-जाटव की आंतरिक रणनीति अपना कर सत्तारूढ़ हुई भाजपा का यह नया पैंतरा उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के वोट बैंक पर कितना असर करेगा? यह काबिलेगौर होगा। लेकिन, इतना तो है कि उन्हें चिंता में जरूर डालेगा।


भाजपा लोकसभा के 2024 में होने वाले चुनावों में इस फैसले के जरिये दोनों राज्यों में जाति को सर्वोपरि रख परिवारवाद की राजनीति करने वाले दलों के खिलाफ इस हथियार को इस्तेमाल करे तो हैरत नहीं।

यादव वोटबैंक में सेंध की कोशिश

यूपी में समाजवादी पार्टी के पैर जमाने के बाद से ही यह सियासी मान्यता रही है कि यादव वोट भाजपा को अपेक्षाकृत कम मिलता रहा है। इसकी मुख्य वजह सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव का यूपी में मजबूत सियासी चेहरा होना भी था। हालांकि माना जाता है कि वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में यह मिथक टूटा था।

कहना गलत न होगा कि जिस तरह बीते विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में पैर जमाने की कोशिश की उसने मिशन-2024 के लिए भाजपा को सतर्क रहने के संकेत दे दिए थे।

मध्य प्रदेश में सपा लंबे समय से चुनाव लड़ती रही है। मुलायम सिंह के नेतृत्व में सपा ने मध्य प्रदेश में वर्ष 1993 में सात सीटें जीती थीं। यह बात दीगर है कि पार्टी ने मोहन यादव के पैंतर के जरिये न केवल मध्य प्रदेश में यादव समाज को संदेश देने की कोशिश की है, बल्कि यूपी व बिहार में भी यादव समाज को साधने की कोशिश की है। वहीं मध्य प्रदेश में सपा मुखिया अखिलेश यादव के लिए मिशन-2024 के लिए राह और मुश्किल कर दी है।

भाजपा वर्ष 2017 से देती रही है यादवों को तवज्जो

भाजपा को यह टीस हमेशा सालती रही कि ओबीसी में खासतौर पर यादव जाति का वोट उन्हें क्यों नहीं मिलता? पार्टी ने इस मिथक को दूर करने के लिए भूपेंद्र यादव को वर्ष 2017 में यूपी में विधानसभा चुनाव के दौरान महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी। कई यादव नेताओं जैसे एटा के हरिनाथ यादव को राज्यसभा भेजा और गिरीश चंद्र यादव को मंत्री बनाने के साथ ही युवा नेता सुभाष यदुवंश को भारतीय जनता युवा मोर्चा का नेतृत्व सौंपा, उन्हें एमएलसी भी बनाया गया। वर्ष 2022 के चुनाव से पहले कभी समाजवादी पार्टी के करीबी रहे सुखराम यादव के परिवार से भी पार्टी ने नजदीकियां बनाईं।

भाजपा के नेता नवीन श्रीवास्तव कहते हैं-‘पार्टी ने हमेशा संगठन, परिश्रम, कर्तव्यपरायणता और अनुशासन को महत्व दिया है। केंद्रीय नेतृत्व ने इस फैसले से साफ कर दिया है कि सबका साथ सबका विकास सबका सम्मान ही पार्टी का मूलमंत्र है। वहीं यूपी और बिहार में इस फैसले के जरिये पार्टी ने परिवारवाद की राजनीति करने वाले सियासी दलों को करारा झटका दिया ही नहीं दिया बल्कि उन्हें आईना भी दिखा दिया है। नि:संदेह यह फैसला मिशन-2024 के लिए दूर की कौड़ी साबित होगा।’

मध्य प्रदेश विधानसभा में सपा यूं जीतती रही
वर्ष- सीटें
1993- 7
1998- 4
2008-1
2018-1

Share:

Next Post

लेह में तैनात महिला लेफ्टिनेंट कर्नल के साथ अफसर ने होटल में बुलाकर किया दुष्‍कर्म, पुलिस जांच में जुटी

Tue Dec 12 , 2023
नई दिल्‍ली (New Dehli) । लेह में तैनात (deployed)एक महिला लेफ्टिनेंट कर्नल (female lieutenant colonel)को उसके साथी अफसर (officer)ने वाराणसी (Varanasi)बुलाकर पहले घर फिर होटल में अप्राकृतिक दुष्‍कर्म (unnatural rape)किया। आजमगढ़ की रहने वाली इस अफसर की शिकायत पर वाराणसी के कैंट थाने में दुष्कर्म, मारपीट, धमकी और दहेज मांगने के आरोप में केस दर्ज […]