भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

प्रोटोकॉल तोड़ कर दादा भाई ने प्रेस फोटोग्राफरों के संग खिंचाई थी तस्वीर

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए।

यहां जो फोटो आप देख रहे हैं इसे 30 बरस पहले भोपाल एयरपोर्ट पे खींचा गया था। ये फोटो इस माने में तारीखी (ऐतिहासिक) कहा जा सकता है कि इसमें भोपाल के प्रेस फोटोग्राफर राष्ट्रपति के साथ नुमायां हो रहे हैं। आमतौर से सरकारी प्रोटोकॉल के तहत प्रेस फोटोग्राफरों की फोटो राष्ट्रपति के साथ नहीं ली जाती। फोटो कुछ धुंधली सी है लिहाजा आपको बस्ता दूं के 25 जुलाई 1992 में भोपाल की हरदिल अज़ीज़ हस्ती और जानेमाने नेता पंडित शंकरदयाल शर्मा मुल्क के राष्ट्रपति बने थे। दिल्ली में राष्ट्रपति के ओहदे का हलफ उठाने के बाद डॉ. शंकरदयाल शर्मा उर्फ भोपाल के ‘दादा भाईÓ पहली दफे भोपाल आये थे। दादा भाई को उपराष्ट्रपति के बाद राष्ट्रपति बनाया गया था। तब पीवी नरसिम्हा राव मुल्क के प्रायमिनिस्टर थे। अपने सूबे में भाजपा की सरकार थी और सुन्दरलाल पटवा मुख्यमंत्री थे। राष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल शर्मा 1 दिन के लिए भोपाल आये थे और राजभवन में ठहरे थे। दादा भाई की बड़ी तमन्ना थी के वो चौक के गुलियादाई के उस मुहल्ले में जाएं जहां उनका बचपन बीता था।


उनके वालिद भोपाल के मशहूर वैध पंडित खुशीलाल शर्मा गुलियादाई वाले आबाई घर पे मरीजों को देखते और आयुर्वेदिक नुस्खे देते थे। लेकिन राष्ट्रपति की हिफाज़त के मद्देनजर दादा भाई को भोपाल की पतली गलियों में जाने की इजाज़त नहीं मिली थी। लिहाज़ा उन्होंने राजभवन में ही अपने भाइयों, रिश्तेदारों और दीगर लोगों से मुलाकात करी थी। ये जो फोटो आप देख रहे हैं ये डॉ.शंकरदयाल शर्मा साब की भोपाल से दिल्ली की वापसी का है। बेक ग्राउंड में आपको उनका एयरक्राफ्ट एआई-1 भी नजऱ आ रहा है। इस फोटो में मरहूम डॉ.शंकरदयाल शर्मा और साबिक़ सीएम मरहूम सुंदरलाल पटवा के साथ शहर के प्रेस फोटोग्राफर नजऱ आ रहे हैं। इनमे आप प्रेस फोटोग्राफर प्रवीण वाजपेयी, राजकुमार जैन, राजेन्द्र जैन, सतीश टेवरे, मुगीस फ़ारूक़ी,रजा मावल, सैयद राशिद अली(अब मरहूम), योगेंद्र शर्मा (अब मरहूम), बृज वर्मा, संतोष साहू के अलावा जनसंपर्क के फोटोग्राफर अभिजीत सरकार, आगा मियाँ और पवन बिरोरिया नजऱ आ रहे हैं। इस तस्वीर के लिए इन फोटग्राफरों ने पटवा जी से इल्तिजा करी थी जो उन्होंने और भोपाल के दादा भाई ने प्रोटोकाल के बाहर जा कर फ़ौरन मंज़ूर कर ली थी। ये तारीख़ी फोटो हर प्रेस फोटग्राफर ने सहेज के रखा हुआ है।

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