इंदौर न्यूज़ (Indore News)

BRTS का एलिवेटेड ब्रिज अब सडक़ विकास निगम बनाएगा

लोक निर्माण विभाग को नहीं मिल सका कब्जा, निगम को कई बार लिखे पत्र, मेट्रो के कारण बदली डिजाइन भी अभी तक नहीं हो सकी तय

इंदौर। केन्द्र सरकार (Central goverment) ने 350 करोड़ रुपए की राशि बीआरटीएस (BRTS) पर बनने वाले एलिवेटेड ब्रिज (elevated bridge) के लिए वर्षों पहले मंजूर कर दी। मगर आज तक डिजाइन फाइनल होने के साथ लोक निर्माण विभाग के साथ काम भी शुरू नहीं कर सका। जबकि पिछले दिनों बिजली के खम्भे, पेड़ सहित अन्य बाधाओं को हटाने के टेंडर भी लोनिवि ने बुलवा लिए और साथ ही नगर निगम को भी कई पत्र लिखे, ताकि बीआरटीएस के एलआईजी से लेकर नवलखा तक का कब्जा सौंपा जा सके। मगर निगम भी कोई निर्णय नहीं ले पाया। वहीं मेट्रो प्रोजेक्ट के चलते ट्रिपल लेयर बनाने का भी निर्णय लिया गया, मगर उसकी भी कोई डिजाइन अभी तक तैयार नहीं की जा सकी। अब शासन ने इस एलिवेटेड ब्रिज का जिम्मा मध्यप्रदेश सडक़ विकास निगम को सौंपने का निर्णय लिया है। इस संबंध में जल्द ही आदेश जारी हो जाएंगे।


जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तब तत्कालीन लोक निर्माण मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने दिल्ली जाकर केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी, जिसमें अन्य प्रोजेक्टों के साथ-साथ बीआरटीएस के एलिवेटेड ब्रिज की मंजूरी भी केन्द्र ने दी और लगभग साढ़े 300 करोड़ रुपए की राशि भी इसके निर्माण के लिए मंजूर कर दी। मगर ड्राइंग-डिजाइन से लेकर जनप्रतिनिधियों और इंजीनियरों की सलाह के चलते निर्माण ही आज तक नहीं हो सका। उसी बीच मेट्रो प्रोजेक्ट भी मंजूर हो गया। लिहाजा उसके आधार पर पुरानी डिजाइन में फिर संशोधन की कवायद शुरू हुई और तय किया गया कि ट्रिपल लेयर ब्रिज बनाया जाए, जिसमें मेट्रो के साथ-साथ बीआरटीएस पर चल रही बसों और सामान्य यातायात गुजरता रहे। मगर इसकी भी कोई फाइनल डिजाइन तैयार नहीं हो सकी। इसी बीच लोक निर्माण विभाग ने पिछले दिनों बचे हुए कार्यों के भी टेंडर मंजूर कर एलिवेटेड ब्रिज बनाने की तैयारी शुरू कर दी और निगम से फिर बीआरटीएस के इस हिस्से का कब्जा मांगा। दरअसल बीआरटीएस कॉरिडोर पुराने नेशनल हाईवे यानी एबी रोड पर बना है, जिसका आधिपत्य नगर निगम ने भी नहीं लिया और सालों से यह मामला अधर में ही लटका है। अब सूत्रों के मुताबिक बीआरटीएस के एलिवेटेड ब्रिज के निर्माण का जिम्मा मध्यप्रदेश सडक़ विकास निगम को सौंपा जा रहा है। इस संबंध में जल्द ही आदेश जारी होंगे। अब नगर निगम में भी चूंकि महापौर सहित नवगठित परिषद का भी कामकाज शुरू हो गया है। हालांकि महापौर परिषद का गठन शेष है, लिहाजा निगम से भी अनुमति मिलने में आसानी रहेगी, क्योंकि शासन स्तर पर जो निर्णय लिया जाएगा उसका पालन लोनिवि के साथ-साथ नगर निगम को भी करना ही पड़ेगा। पिछले दिनों भोपाल में हुई लोक निर्माण विभाग की बैठक में एलिवेटेड ब्रिज का निर्माण जल्द शुरू करने का निर्णय भी लिया गया, जिसके चलते निगम को पत्र भी लिखे गए, लेकिन चूंकि चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी, लिहाजा निगम भी कोई निर्णय नहीं ले पाया। कुछ समय पूर्व प्राधिकरण को भी इस ब्रिज के निर्माण का जिम्मा सौंपे जाने की सुगबुगाहट शुरू हुई थी।

 

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