img-fluid

सिंहस्थ से पहले बायपास रिंग रोड बनेगा उज्जैन में

January 16, 2025

  • बड़े वाहनों का यातायात शहर में नहीं घुस पाएगा-केंद्र सरकार से माँगी 11 सड़कें

उज्जैन। ट्रकों-हेवी और बाहरी व्हीकल का ट्रैफिक शहरों से बाहर रखने तथा नगर के भीतर की सड़कों को वाहनों की रेलमपेल से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से उज्जैन सहित प्रदेश के अन्य चार शहरों में बायपास और रिंग रोड बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से 11 सड़कें माँगी हैं।


सरकार का मानना है कि बायपास और रिंग रोड बनने से न केवल शहरों में दुर्घटनाएँ कम होंगी, बल्कि आम लोगों को हर दिन लगने वाले जाम से भी मुक्ति मिल सकेगी। इनका निर्माण केन्द्र सरकार की मदद से किया जाएगा। इसके लिए केन्द्र द्वारा तैयार की गई योजनाओं में राज्यों की राजधानियों के अलावा दस लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों को शामिल किया गया है। इसमें मप्र के चारों महानगर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर के अलावा उज्जैन और सागर को स्थान मिलना तय है। यह कवायद जाम की समस्या के स्थायी समाधान के लिए की जा रही है। इसके तहत रिंग रोड, बाईपास समेत अन्य उपाय करने की योजना बनाई गई है। शहरी परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की योजना में राज्यों की भी भूमिका अहम होगी। उन्हें भूमि अधिग्रहण की लागत वहन करने के साथ ही कुछ और कदम उठाने होंगे। इसके बाद मंत्रालय कॉरिडोर आधारित सड़क निर्माण की दिशा में आगे बढ़ेगा। चार साल बाद होने वाले सिंहस्थ के लिए प्रदेश सरकार अधोसरंचना विकास पर सर्वाधिक ध्यान दे रही है। सरकार ने उज्जैन के लिए 11 सड़कें केंद्र सरकार से माँगी है। इनमें अधिकतर प्रस्ताव शहर की वर्तमान सड़क को फोरलेन करने और फ्लाईओवर बनाने के हैं। लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 2024-25 में केंद्रीय सड़क निधि से कराए जाने वाले कार्यों की प्राथमिकता निर्धारित की है। इसमें सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए अधिक कार्य प्रस्तावित किए गए हैं। दरअसल, महाकाल लोक बनने के बाद उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ गई है। सिंहस्थ में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही है। इसे देखते हुए सड़क, पुल और फ्लाईओवर प्रस्तावित किए गए हैं। इसी तरह भोपाल में भी मार्गों का चौड़ीकरण करने और जबलपुर में फ्लाईओवर बनाने की माँग की गई है। यदि इन्हें स्वीकृति मिल जाती है तो 2028 तक ये काम पूरे हो जाएँगे। बता दें कि इसके पहले लगभग बीस हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली सड़क परियोजनाओं को केंद्र सरकार स्वीकृति दे चुकी है। पहले चरण में तीस शहरों को लिया जा सकता है। शहरों में जाम की समस्या से मुक्ति के लिए रिंग रोड की जरूरत है या बाईपास की, इसका आंकलन राज्यों को ही करना है। बहुत से शहरों के पास से एनएच और एक्सप्रेस-वे निकले हैं और उन तक पहुँच सुविधाजनक है। इसके कारण भी मौजूदा सड़कों पर दबाव पड़ रहा है। इसलिए मंत्रालय उन शहरों में इस कमी को भी दूर करने जा रहा है। इस योजना के तहत पायलट परियोजनाएँ इसी साल शुरू होगी।

नजरपुर में बदमाशों ने शराब के पैसे नहीं देने पर की मारपीट
उज्जैन। घटिया थाना पुलिस ने बतायाया कि कल शाम नजरपुर के भोलेनाथ मंदिर के पास गांव में ही रहने वाले पर्वतसिंह राजपूत और जगदीश खड़े हुए थे। इसी दौरान उनके पास गाँव में रहने वाले तीन-चार लोग वहाँ आए और उनसे शराब पीने के लिए रुपए देने को कहा। मना करने पर आरोपियों ने गाली-गलौज शुरू कर दी और पर्वत था जगदीश को पीटा।

Share:

8 हजार से अधिक ई रिक्शा और आटो चालक बन रहे यातायात में बाधक

Thu Jan 16 , 2025
उज्जैन। मौजूदा समय में शहर की सड़कों पर बेतरतीब और मनमाने ढंग से दौडऩे वाले वाहनों की संख्या में इजाफा हो गया है। इनमें सबसे ज्यादा ई-रिक्शा और ऑटो हैं। इन वाहनों के कारण सड़क पर चलने वाले अन्य वाहनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ये वाहन सवारी चढ़ाने और उतारने के लिए […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
रविवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2025 Agnibaan , All Rights Reserved