नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) (Confederation of All India Traders (CAIT)) ने ई-कॉमर्स व्यापार में विदेशी कंपनियों (Foreign companies in e-commerce business) के खिलाफ देश के प्रमुख उद्योगपतियों तथा कारोबार से जुड़े संगठनों का समर्थन मांगा है। कैट का कहना है कि विदेशी कंपनियां भारतीय ई-कॉमर्स व्यापार के नियम एवं कानूनों का उल्लंघन कर रही हैं। ई-कॉमर्स पर कब्जा जमाने की साजिश के विरुद्ध चल रहे संघर्ष को नया आयाम देने के लिए घरेलू कारोबारी संगठनों का समर्थन जरूरी है।
कारोबारी संगठन कैट ने बुधवार को प्रमुख उद्योगपतियों और कारोबारी संगठनों को एक पत्र भेजकर इस संघर्ष को व्यापक अभियान बनाने के लिए उनका समर्थन मांगा है। कैट ने अपने पत्र में कहा है कि देश में कई प्रमुख विदेशी वित्त पोषित ई-कॉमर्स कंपनियां कानून और अधिनियम की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही हैं। इससे छोटे व्यवसाय और व्यापारियों के लिए एक बड़ा खतरा पैदा हो गया हैं।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि देश के प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा, मुकेश अंबानी, हर्ष गोयनका, करसन भाई पटेल, अजय पीरामल, ललित अग्रवाल, किशोर बियानी, राधाकिशन दामानी, संजीव मेहता सहित अनेक उद्योगपतियों और स्वदेशी जागरण मंच, लघु उद्योग भारती, ऑल इंडिया ग्राहक पंचायत, फेडरेशन ऑफ़ स्माल इंडस्ट्रीज, फिक्की, सीआईआई, एसोचैम, पीएचडी चैम्बर, ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन सहित अन्य प्रमुख संगठनों को यह पत्र भेजकर एक फोरम बनाने का आग्रह किया गया है, ताकि देश के ई-कॉमर्स और रिटेल व्यापार को विदेशी कंपनियां बंधक न बना सके। (एजेंसी, हि.स.)
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