देश बड़ी खबर

जजों, वकीलों और कोर्ट कर्मचारियों को Vaccination में प्राथमिकता देने की मांग से केंद्र असहमत

नई दिल्ली। जजों, वकीलों और कोर्ट कर्मचारियों को कोरोना की वैक्सीन (Vaccination) देने में प्राथमिकता देने की मांग से केंद्र सरकार सहमत नहीं है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के जवाब में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि देश में वैक्सीनेशन अभियान तेज़ी से चलाया जा रहा है। किसी व्यवसाय के हिसाब से प्राथमिकता तय करना नागरिकों के हित में नहीं है।


पिछले 16 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। याचिका में कहा गया है कि कानून का शासन कोर्ट के कामकाज और पक्षकारों को न्याय जल्दी मिलने पर निर्भर होता है। कोरोना संकट के दौरान कोर्ट में कामकाज सुचारू रूप से नहीं चलने की वजह से पक्षकारों को न्याय मिलने में देरी हो रही है। वकीलों को भी इस दौरान काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा है।

याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन के पहले चरण में विधि व्यवसाय से जुड़े लोगों को शामिल नहीं किया जिसकी वजह से जज, वकील और कोर्ट के स्टाफ इससे बाहर रह गए। ऐसी स्थिति में कोर्ट अपनी पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर रहे हैं। कोर्ट परिसरों में चलने वाले छोटे-छोटे कैंटीन, कुरियर, फोटोस्टेट और स्टेशनरी की दुकानें चलाने वाले भी संकट के दौर से गुजर रहे हैं।

याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) बार एसोसिएशन ने पिछले 18 जनवरी को केंद्रीय कानून मंत्री से आग्रह किया था कि जजों, कोर्ट स्टाफ और वकीलों और दूसरे विधि व्यवसाय से जुड़े लोगों को फ्रंटलाइन वर्कर्स का दर्जा दिया जाए और वैक्सीनेशन कार्यक्रम में शामिल किया जाए लेकिन अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं किया गया है। 

Share:

Next Post

किसी देश में बने कानूनों पर अन्य देशों की संसदों में नहीं होनी चाहिए चर्चाः Om Birla

Mon Mar 15 , 2021
नई दिल्ली। अंतर संसदीय संघ के अध्यक्ष दुआरते पचेको (Duarte Pacheco, President of the Inter-Parliamentary Union) ने सोमवार को संसद भवन में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) से मुलाकात की । इस मुलाकात के दौरान लोकसभा अध्यक्ष बिरला (Om Birla)ने पचेको से कहा कि हर देश की अपनी संप्रभुता है […]