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Chardham Yatra: धर्मस्व विभाग ने जारी की संशोधित एसओपी, अब ई-पास जरूरी नहीं

-स्मार्ट सिटी पोर्टल में पंजीकरण अनिवार्य, नि:शुल्क मैनुअल दर्शन के लिए मिलेंगे टोकन

-जलाभिषेक, टीका, लेपन, मूर्ति, पुस्तक स्पर्श निषेध रहेगा

देहरादून। देवस्थानम बोर्ड (Devasthanam Board) ने उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्णय (decision of the High Court Nainital) के बाद चारधाम यात्रा दर्शन (Chardham Yatra Darshan) के लिए संशोधित मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) आदेश जारी किया है। अब देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण की आवश्यकता नहीं रहेगी। कोरोना मानकों के तहत तीर्थयात्री सीधे देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कर चार धाम यात्रा कर सकते हैं। इसके साथ ही यात्रियों की सरल दर्शन के लिए नि:शुल्क मैनुअल टोकन दिए जाएंगे।


उत्तराखंड धर्मस्व-तीर्थाटन विभाग के सचिव हरिचंद्र सेमवाल की ओर से जारी मानक प्रचालन विधि (एसओपी) में बताया गया कि उच्च न्यायालय के निर्देश के आलोक में अब चारधाम यात्रा हेतु निर्धारित संख्या के मानक को अब हटा दिया गया है। पहले बदरीनाथ धाम के लिए एक हजार, केदारनाथ के लिए 800, गंगोत्री हेतु 600 तथा यमुनोत्री धाम के लिए 400 तीर्थ यात्रियों को दर्शन का प्रावधान किया गया था। अब उत्तराखंड से बाहर प्रदेशों के तीर्थ यात्री सरकारी वेबसाइट स्मार्ट सिटी देहरादून डॉट यूके डॉट गोव डॉट इन (smartcitydehradun.uk.gov.in) पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। जबकि उत्तराखंड के लोगों को पंजीकरण की छूट रहेगी।

श्रद्धालुओं को 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर अथवा संबंधित टेस्ट जैसे ट्रू नेट, सीबी नाट, रेट आदि टेस्ट जरूरी होने के साथ ही वैक्सीन की दोनों डोज लगाने का प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य होगा।

एक टीका लगने पर भी आरटीपीसीआर या अन्य कोविड टेस्ट रिपोर्ट आवश्यक होगी। इसके अलावा कोविड के लक्षण मिलने पर कोरोना प्रोटोकाल के तहत केयर सेंटर में भर्ती कराया जाएगा। मंदिर व देवस्थानम में दर्शन हेतु छह फीट की सामाजिक दूरी का पालन जरूरी होगा। एसओपी के अन्य प्रावधान यथावत रहेंगे।

दूसरी ओर, आयुक्त गढ़वाल एवं उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने भी शासन की एसओपी के आलोक में संशोधित एसओपी आदेश जारी किया है। इसके तहत, चारधामों में से बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री में तीर्थयात्री दर्शन के लिए मंदिर गर्भगृह में प्रवेश नहीं करेंगे, जबकि केदारनाथ धाम में श्रद्धालु गर्भ गृह में प्रवेश कर केवल परिक्रमा, प्रदक्षिणा कर सकेंगे। इस दौरान जलाभिषेक, टीका, लेपन, मूर्ति, पुस्तक स्पर्श निषिद्ध रहेगा।

बदरीनाथ और केदारनाथ देवस्थानम में दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों को अब नि:शुल्क मैनुअल टोकन मिलेंगे ताकि तीर्थयात्रियों को दर्शन हेतु निर्धारित समय दिया जा सकेगा। इससे तीर्थयात्रियों को लंबे समय तक धर्मदर्शन की लाइन में नहीं लगना पड़ेगा। जिसे यात्रियों की संख्या को नियंत्रित कर सरल सुगम दर्शन व्यवस्था बन सकेगी। धर्माचार्यों द्वारा श्रद्धालुओं की पुजाएं संपन्न करायी जायेगी लेकिन सभा मंडप में बैठने की छूट नहीं रहेगी। (एजेंसी, हि.स.)

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